Jharkhand news: केरल के एरनाकुलम में दो पक्षों के बीच झड़प के दौरान हुई हिंसा के मामले में पिछले एक महीने से झारखंड के 71 मजदूर जेल में हैं. इस मामले में वहां की पुलिस ने जिन 174 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की थी और 163 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, उसमें झारखंड के 71 मजदूर भी शामिल हैं. इनमें से अकेले 50 मजदूर साहिबगंज जिले के हैं. वहीं, दुमका-गोड्डा के 5-5 मजदूरों के अलावा सिंहभूम इलाके के 6, रांची के 2 तथा पाकुड़-चाईबासा के एक-एक मजदूरों को आरोपी बनाया गया है. इन सभी के खिलाफ एरनाकुलम ग्रामीण जिले के कुन्नाथुनाडु पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
एरनाकुलम ग्रामीण जिले के कुन्नाथुनाडु थाना क्षेत्र के अंतर्गत काइटेक्स गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड में काम करने के लिए पहुंचे झारखंड, असम, मणिपुर, पश्चिम बंगाल और बिहार के तकरीबन पौने दो सौ प्रवासी मजदूर 25 दिसंबर, 2021 की रात क्रिसमस मना रहे थे. इसी दौरान वहां के स्थानीय लोगों के साथ प्रवासी मजदूरों की झड़प हो गयी थी. बाद में पुलिस को सूचना दी गयी, तो उग्र लोगों में से कुछ ने पुलिस पर हमला बोल दिया था. जिससे 10 पुलिसकर्मी घायल हो गये थे. भीड़ ने एक पुलिस गाड़ी को भी आग के हवाले कर दिया था.
मामले में पुुलिस ने अधिकांश प्रवासी मजदूरों को इन गैर जमानतीय धाराओं में गिरफ्तार कर लिया. इन मजदूरों के परिजनों को उनके गिरफ्तारी की जानकारी हुई, तो ये सरकार से उन सभी मजदूरों के सकुशल रिहाई तथा उन्हें वापस लाने की मांग कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि वे लोग बेकसूर है. और उन्हें फंसाकर जेल भेज दिया गया है.
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उनके बारे में पता करने, जेल से रिहा कराने तथा सकुशल वापस लाने की मांग की है. मुख्यमंत्री के नाम संबोधित आवेदन प्रभावित मजदूरों के परिजनों ने डीसी को दिया है. मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी दुमका पहुंचने वाले हैं. इन मजदूरों के परिजनों ने इस दौरान उनसे मिलकर फरियाद लगाने की बात कही है.
इस संबंध में केरल जेल में बंद प्रवासी मजदूर चंदन के रिश्तेदार सुभाष मरांडी ने कहा कि क्रिसमस के दिन प्रवासी मजदूर एवं स्थानीय लोगों के बीच बकझक हुआ था. इसी बीच विवाद बढ़ गया था. सुबह पुलिस द्वारा सारे मजदूरों को पूछताछ के लिए ले जाया गया और उनमें से अधिकांश को जेल भेज दिया गया. बहुत गरीब परिवार से मजदूर हैं. आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे उन्हें छुड़ा सकें. मदद कर सकें. इसलिए हमलोग शासन-प्रशासन से गुहार लगाने आये हैं.
प्रवासी मजदूर चंदन की पत्नी बबली बास्की ने कहा कि हमारे पति केरल में काम करने के लिए गये थे. उन्हेें जेल में डाल दिया गया है. जानकारी हुई है कि उनलोगों को फंसा दिया गया है. मेरे पति निर्दोष है. जेल से अबतक बाहर नहीं आये हैं. मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन से हमलोगों का अनुरोध है कि मेरे पति सहित अन्य निर्दोष लोगों को छुड़वाया जाए.
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वहीं, एक अन्य प्रवासी मजदूर के रिश्तेदार मार्शिला हांसदा ने कहा कि हमलोग डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को आवेदन देने आये हैं. हमारे रिश्तेदार को क्रिसमस के दिन हुई हिंसा में जेल भेज दिया गया है. कौन-कौन शामिल था, नहीं था, हमलोग को नहीं पता, लेकिन सारे लोगों को जेल में डाल दिया गया है. झारखंड के ही 71 लोग हैं. जिनमें से पांच दुमका के हैं. ऐसे परिवार से लोग हैं. जो ऐसी आर्थिक स्थिति में हैं. वे केरल जा भी नहीं सकते.
प्रवासी मजदूर मार्टिन की मांग बेरनाडेट हेंब्रम ने कहा कि सिमरा-लकड़ापहाड़ी, जामा प्रखंड की रहनेवाली हूं. मेरे पति की मौत हो चुकी है. बेटा कमाने के लिए केरल गया हुआ था. पता चला है कि क्रिसमस के समय बेटे को केरल के जेल में डाल दिया गया है. बेटे का नाम मार्टिन हांसदा है. सरकार से गुजारिश है. मुख्यमंत्री से निवेदन है कि हमारी मुश्किलों को समझें, मदद करें.
रिपोर्ट : आनंद जायसवाल, दुमका.