profilePicture

कैंब्रिज व ऑक्सफोर्ड ने ले ली तक्षशिला व विक्रमशिला की जगह

खोई प्रतिष्ठा को वापस लाने की जिम्मेदारी निभाये शिक्षक समाजप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीSpies In Mauryan Dynasty : मौर्य काल से ही चल रही है ‘रेकी’ की परंपरा, आज हो तो देश में मच जाता है बवालRajiv Gauba : पटना के सरकारी स्कूल से राजीव गौबा ने की थी पढ़ाई अब बने नीति आयोग के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2016 3:41 AM

खोई प्रतिष्ठा को वापस लाने की जिम्मेदारी निभाये शिक्षक समाज

दुमका : फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ऑफ झारखंड (फुटाज) का प्रथम राज्य सम्मेलन तथा राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में ‘झारखंड की उच्च शिक्षा : चुनौतियां एवं संभावनाएं’ विषय पर सेमिनार दुमका के एसपी कॉलेज में रविवार को स्कमूटा द्वारा आयोजित की गयी. सेमिनार का उदघाटन मुख्य अतिथि श्रम-नियोजन मंत्री राज पलिवार ने दीप प्रज्वलित कर किया.

विशिष्ट अतिथि बोरियो विधायक ताला मरांडी, झारखंड अधिविद्य परिषद् के अध्यक्ष प्रो अरविंद कुमार सिंह, फुटाज के अध्यक्ष डॉ बबन कुमार चौबे, डॉ विजय पीयूष, महासचिव डॉ केके शर्मा, डॉ केडी शर्मा, डॉ नवीन कुमार सिंह, डॉ राजीव कुमार आदि मौजद थे.

शिक्षक आज के चाणक्य: मंत्री राज पलिवार ने कहा कि भारत विश्वगुरु रहा है. ज्ञान, अध्यात्म व व्यापार के मामले में यह अग्रणी था. दुनिया के कोने-कोने से यहां लोग तक्षशिला, विक्रमशिला और नालंदा में उच्च शिक्षा ग्रहण करने आते थे. आज उनकी जगह कैंब्रिज, हार्बर्ड और ऑक्सफोर्ड ने ले ली है. पहले मुगलों की शासन पद्धति ने अध्यात्म, शिक्षा व ज्ञान की पद्धति को प्रभावित किया, बाद में अंग्रेजो ने. आजादी के बाद जो सरकारें बनी, उसने अवसर रहने के बाद भी उसे दुबारा स्थापित कराने का प्रयास नहीं किया. यही वजह है कि नीचे से लेकर उपर तक शिक्षा का वर्गीकरण हो चुका है. अब वक्त आ गया है कि शिक्षक समाज जागे और शैक्षिक स्तर को ऊंचा करने में अपनी अहम भूमिका निभाएं. देश की खोई प्रतिष्ठा को वापस लाना होगा. मिलकर इस अभियान को गति देनी होगी. शिक्षक आज के चाणक्य हैं. शेष पेज 13 पर

कैंब्रिज व ऑक्सफोर्ड…

नौजवानों में शक्ति व ऊर्जा है. शिक्षकों को केवल बेहतर मार्गदर्शन देना है. शिक्षक वर्ग चाहे तो समाज की दशा-दिशा बदल सकता है. मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं-मांगों से सरकार वाकिफ है और इस दिशा में सरकार जरूर साकारात्मक कदम उठायेगी.

शिक्षक-छात्रों का संबंध और हो प्रगाढ़ : बोरियो विधायक ताला मरांडी ने शिक्षक-छात्र संबंध को बेहतर बनाने पर बल दिया. फुटाज के अध्यक्ष डॉ बब्बन चौबे ने कहा कि पूरे झारखंड सहित सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में कुछ शिक्षकों को उनका वाजिब वेतन तक नहीं मिलना अपने-आप में आश्चर्य की बात है. केंद्र व राज्य सरकार ढुलमुल रवैये देख नहीं लगता है कि इतनी जल्दी सातवां वेतनमान मिलनेवाला है. एआइफुटको के क्षेत्रीय सचिव अरुण कुमार ने कहा सरकार अमीरों व गरीबों के बीच दोहरी नीति अपनाती है. डॉ केके शर्मा ने कहा कि आंदोलनों के बाद शिक्षकों को उनका हक देने की परंपरा समाप्त होनी चाहिए. फुटाज की इस सभा में संविधान में प्रस्तावित संशोधनों को पारित किया गया. देर शाम नयी कार्यकारिणी का चुनाव किया गया.

Next Article

Exit mobile version