सुनियोजित विकास पर जोर
दुमका : उपराजधानी दुमका के मास्टर प्लान को लेकर बुधवार को एक कार्यशाला सूचना भवन सभागार में आयोजित की गयी, जिसकी अध्यक्षता नगर परिषद अध्यक्ष अमिता रक्षित ने की. 2040 तक के लिए दुमका के मास्टर प्लान तैयार करने का जिम्मा जिस मार्स प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है. उसके निदेशक […]
दुमका : उपराजधानी दुमका के मास्टर प्लान को लेकर बुधवार को एक कार्यशाला सूचना भवन सभागार में आयोजित की गयी, जिसकी अध्यक्षता नगर परिषद अध्यक्ष अमिता रक्षित ने की. 2040 तक के लिए दुमका के मास्टर प्लान तैयार करने का जिम्मा जिस मार्स प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है. उसके निदेशक सौरभ अग्रवाल ने मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन देते हुए बताया कि वर्तमान में दुमका नगर का विकास हो रहा है,
लेकिन इसका तरीका बेतरतीब है. सुनियोजित तरीके से इसका विकास नहीं हो रहा है. ऐसे में जब जनसंख्या बढ़ती जायेगी, तो समस्याएं विकराल रूप ले लेगी. इससे भविष्य में हमें संगठित विकास, व्यवस्थित यातायात, रोजगार की ओर ध्यान रखते हुए योजनाओं को लागू करना होगा. तभी सही तरीके से उपराजधानी का विकास होगा. श्री अग्रवाल ने बताया कि एक सुदृढ़ व योजनाबद्ध विकास के लिए मास्टर प्लान आवश्यक है.
शहर के अंदर अत्यधिक आबादी धनत्व एवं खाली जमीन के अभाव को देखते हुए इस मास्टर प्लान में शहर के विस्तार का प्रस्ताव है. शहर के वर्तमान 7.38 वर्ग किमी क्षेत्रफल को 54 वर्ग किमी तक विस्तार करने का प्रस्ताव है, जिसमें 39 गांव शामिल होंगे. 2011 की जनगणना के अनुसार दुमका की शहरी आबादी 73055 थी. विस्तारीकरण में शामिल गांवों की आबादी 37238 थी, पूरे परियोजना क्षेत्र में 2040 तक यह आबादी 187637 हो जाने की उम्मीद है.
मास्टर प्लान में इस बढ़ी हुई आबादी के लिए यूआरडीपीएफआइ के मानकों के अनुसार मूलभूत सुविधाएं जैसे कि पेयजल, जल निकासी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, विद्यालय, अस्पताल इत्यादि का प्रावधान है. इसके अलावा एक रिंग रोड का भी प्रस्ताव इसमें रखा गया है, जिससे शहर के अंदर की यातायात व्यवस्था सुदृढ़ की जा सके. मास्टर प्लान में एक औद्योगिक क्षेत्र का भी प्रावधान है, जिससे शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप होगा तथा युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं सृजित होंगी.