नाबालिग लड़की अगवा मांगी 30 लाख की फिरौती

दुमका कोर्ट : शहर के शांतिनगर बगानपाड़ा की एक नाबालिग लड़की का अपहरण बुधवार को किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. मामले को लेकर लड़की के पिता ने नगर थाना में लड़की की सहेली सहित चार नामजद पर प्राथमिकी दर्ज करायी है. उसने उसकी बेटी का अपहरण कर 30 लाख रुपये की फिरौती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2016 9:16 AM
दुमका कोर्ट : शहर के शांतिनगर बगानपाड़ा की एक नाबालिग लड़की का अपहरण बुधवार को किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. मामले को लेकर लड़की के पिता ने नगर थाना में लड़की की सहेली सहित चार नामजद पर प्राथमिकी दर्ज करायी है. उसने उसकी बेटी का अपहरण कर 30 लाख रुपये की फिरौती मांगने का आरोप लगाया है.
पिता ने दर्ज करायी प्राथमिकी : लड़की के पिता शंभुनाथ सिंह ने थाना में भादवि की धारा 363, 366 ए, 34 के तहत एक सहेली के अलावा सुजल, सौरभ और रॉकी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है.
जिसके मुताबिक बुधवार को उसकी 17 वर्षीय बेटी मां से स्कूल जाने की बात कहकर निकली थी. उसने अपनी मां को बताया था कि वह एडमिट कार्ड लाने सिदो कान्हू हाइस्कूल अपनी सहेली के साथ जा रही है. इसके बाद शाम तक घर वापस नहीं लौटी, तब परिजनों ने खोजबीन शुरू की. इस दौरान पता चला कि स्कूल में परीक्षा चल रही है, जिससे स्कूलबंद था. इसके बाद उसकी सहेली से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि उसके साथ किसी प्रकार की बात नहीं हुई है.
प्रेम-प्रसंग का मामला : बाद में यह भी जानकारी मिली कि पटना में पढ़ने वाला एक लड़का कभी-कभी दुमका आता था, जिसे उस लड़की से प्रेम हो गया था. इसी बीच शाम के 7 बजे लड़की के घर फोन आया, जिसमें 30 लाख रुपये तैयार रखने और दूसरे फोन का इंतजार करने के लिए कहा गया. शंभुनाथ सिंह ने संदेह व्यक्त किया है कि पूजा शर्मा, सुजल, सौरभ व रॉकी द्वारा उसकी बेटी को शादी कराने या गलत नीयत से कहीं भगा दिया है.
जनजातीय हिजला मेला शुरू
दुमका में मयुराक्षी नदी के तट पर राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव शुक्रवार से शुरू हुआ. मेले की शुरुआत पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ ग्राम प्रधान सुनीराम हांसदा ने फीता काटकर किया.
पूरे सप्ताह भर चलने वाले इस मेले में कई तरह की प्रदर्शनी, झूले, तारामाची, मौत का कुआ के अलावा हस्तशिल्प स्टॉल लगाये गये थे. अवसर पर पारंपरिक नृत्य का भी आयोजन हुआ. जिसमें आदिवासी बालाएं मांदर व तमाक की थाप पर जमकर थिरके और सबका मन मोह लिया.
दुमका : नजातीय हिजला मेला सांस्कृतिक संकुल की तरह है. जो यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत करता है. उक्त बातें इस राजकीय मेला के उदघाटन समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे आयुक्त एनके मिश्रा ने कही. श्री मिश्रा ने कहा कि यहां की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने की जरूरत है.
जिससे यह संताल परगना प्रमंडल सभी क्षेत्रों में उन्नति के शिखर पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि प्रशासन में जनभागीदारी के महत्व को समझते हुए ही तत्कालीन उपायुक्त जॉन रॉबर्टस कास्टेयर्स ने 3 फरवरी 1890 को हिजला मेला की शुरुआत की थी. आज भी इस मेले में जनभागीदारी है और यही इसकी एक प्रमुख विशेषता भी है.
स्वागत संबोधन में डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने हिजला मेला को राजकीय दर्जा दिये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा कहा कि इससे मेले की व्यवस्था और आयोजन को और विस्तार मिलेगा. उन्होंने कहा कि मेले के आयोजन पर किये जाने वाले सरकारी खर्चे में प्रत्येक वर्ष बढ़ोतरी की जा रही है. सात दिनों तक पूरे मेला परिसर में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक एवं खेलकूद कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.
पायका नृत्य से अतिथियों का किया गया स्वागत
इससे पूर्व हिजला गांव के ग्राम प्रधान सुनीराम हांसदा ने नारियल फोड़कर तथा फीता काटकर औपचारिक रूप से हिजला मेला का शुभारंभ किया. रामसिंगा, सकवा, मदानभेड़ के ध्वनियों के बीच पारंपरिक लोटा पानी और पायका नृत्य के द्वारा एमानुएल सोरेन तथा गौर कान्त झा के नेतृत्व में अतिथियों का भव्य स्वागत किया गया. अतिथियों ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये प्रदर्शनी पंडालों का अवलोकन किया.
प्रदर्शनी का हुआ अवलोकन
डीसी ने जनसंपर्क व कृषि विभाग द्वारा लगाये गये प्रदर्शनी पंडाल का फीता काटकर उदघाटन किया तथा प्रदर्शनी में संताल परगना के विभिन्न सांस्कृतिक धरोहरों तथा दुमका जिला में आयोजित विभिन्न अवसराें के लगाये गये महत्वपूर्ण चित्रों का अवलोकन कर उसकी तारीफ की. बाहरी कलामंच के सामने स्थित मैदान में झंडोत्तोलन कर औपचारिक रूप से हिजला मेला खेलकूद कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. जिला परिषद अध्यक्ष जॉयेस बेसरा ने स्वास्थ्य विभाग के प्रदर्शनी पंडाल का उदघाटन किया.

Next Article

Exit mobile version