काला कानून हटाये सरकार

दुमका में दूसरे दिन भी सौ से अधिक दुकानें रही बंद अरुण जेटली की सद‍बुद्धि के लिए किया हवन यज्ञ दुमका : अखिल भारतीय स्वर्णकार समाज के आह्वान पर गुरुवार को भी उपराजधानी दुमका के सौ से भी अधिक आभूषण दुकानें बंद रहीं. दुकानदारों व कारीगरों ने धरना देकर केंद्र सरकार द्वारा स्वर्णाभूषण पर लगाये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 11, 2016 6:52 AM

दुमका में दूसरे दिन भी सौ से अधिक दुकानें रही बंद

अरुण जेटली की सद‍बुद्धि के लिए किया हवन यज्ञ
दुमका : अखिल भारतीय स्वर्णकार समाज के आह्वान पर गुरुवार को भी उपराजधानी दुमका के सौ से भी अधिक आभूषण दुकानें बंद रहीं. दुकानदारों व कारीगरों ने धरना देकर केंद्र सरकार द्वारा स्वर्णाभूषण पर लगाये गये एक्साइज डयुटी का विरोध किया तथा इसे काला कानून बताया. स्वर्णाभूषण व्यापारियों ने अपने आक्रोश का इजहार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली की सद‍बुद्धि के लिए तथा एक्साइज डयूटी समाप्त कराने के लिए ज्ञान प्रदान करने हेतु हवन यज्ञ किया
. स्वर्णकार संघ सचिव मानव वर्मा ने बताया कि आभूषण व्यवसाय को एक कुटीर उद्योग का दर्जा प्राप्त है और इसमें एक्साईज डयूटी लगाकर इस उद्योग को सरकार चौपट करना चाहती है. एक ओर सरकार मेक इन इंडिया का नारा लगाती है, जबकि दूसरी ओर एक्साईज ड्यूटी लगाकर इस व्यवसाय को ठप कराना चाहती है.
कुटीर उद्योग से बाहर निकालकर इसे बड़े उद्योग की ओर ले जाने की यह कोशिश है. सरकार की मंशा विदेशी कारोबार को इस क्षेत्र में बढ़ावा देने की भी है. श्री वर्मा ने कहा कि सरकार को अविलंब एक्साइज ड्यूटी वापस लेनी चाहिए. अन्यथा स्वर्ण व्यवसायी, कारोबारी सभी तबाह हो जायेंगे, बेरोजगार हो जायेंगे तथा आत्महत्या करने को विवश हो जायेंगे. वहीं आंदोलन में गुरुवार को जिलाध्यक्ष पंकज वर्मा, बबलू वर्मा, राज वर्मा, जितेन वर्मा, चंद्रशेखर पोद‍्दार, संतोष पोद‍्दार, अजय पोद‍्दार आदि मौजूद थे.
दुकानें बंद रहने से हो रही कठिनाई
जिले में स्वर्णाभूषण के कारोबार ठप रहने तथा दुकानों के बंद रहने से शादी-विवाह और लग्न के इस मौसम में लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है. धंधा बंद रहने से भी कारीगरों को आर्थिक नुकसान हो रहा है.

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