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दुमका में निर्माण कार्य के दौरान कंपनी ने नहीं कराया मजदूरों का बीमा

रांची/दुमका : निर्माण कार्यों में लगे ठेकेदार सरकारी नियमों का उल्लंघन कर मजदूरों का बीमा नहीं करा रहे हैं. ऐसे में निर्माण कार्यों के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने पर मजदूरों को मुआवजा नहीं मिल सकेगा. प्रधान महालेखाकार(पीएजी) द्वारा निर्माण कार्यों के ऑडिट के दौरान ठेकेदारों द्वारा मजदूरों का बीमा नहीं कराने का मामला पकड़ में आया […]

रांची/दुमका : निर्माण कार्यों में लगे ठेकेदार सरकारी नियमों का उल्लंघन कर मजदूरों का बीमा नहीं करा रहे हैं. ऐसे में निर्माण कार्यों के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने पर मजदूरों को मुआवजा नहीं मिल सकेगा. प्रधान महालेखाकार(पीएजी) द्वारा निर्माण कार्यों के ऑडिट के दौरान ठेकेदारों द्वारा मजदूरों का बीमा नहीं कराने का मामला पकड़ में आया है.
राज्य सरकार ने निर्माण कार्य के दौरान दुर्घटना में होनेवाले नुकसान के मद्देनजर बीमा का प्रावधान किया है.राज्य में लागू इस नियम के तहत निर्माण कार्य में लगे ठेकेदारों को हर निर्माण कार्य के लिए अलग-अलग 20 लाख रुपये का बीमा कराने की बाध्यता है. बीमा में मजदूरों के अलावा निर्माण कार्य में लगे उपकरणों आदि के लिए भी मुआवजा का प्रावधान है. इसके तहत निर्माण कार्य के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होकर किसी मजदूर की मौत होने पर उसके आश्रितों को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है. ऑडिट में यह पाया गया है कि ठेकेदारों द्वारा न तो बीमा कराया जा रहा है, न ही संबंधित प्रमंडल के इंजीनियर इस बिंदु पर ध्यान दे रहे हैं.
केस स्टडी-एक (दुमका)
6.07 करोड़ की लागत से दुमका जिला स्तरीय स्टेडियम के निर्माण के दौरान मेसर्स एसीएमइ ने 20 लाख रुपये का बीमा नहीं कराया. इसी ठेकेदार को 7.97 करोड़ की लागत से जरमुंडी आइटीआइ का काम दिया गया है. ठेकेदार ने इस निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के लिए भी बीमा नहीं कराया है.ऑडिट के दौरान इन मामलों के पकड़ में आने के बाद कार्यपालक अभियंता ने अपने जवाब में कहा कि ठेकेदार को बीमा कराने का निर्देश दिया जायेगा. पर अब तक पीएजी को इस बात की सूचना नहीं दी गयी है कि ठेकेदार ने बीमा कराया या नहीं.
केस स्टडी-दो (दुमका)
दुमका एयरपोर्ट हैंगर भवन के निर्माण का काम मेसर्स सरयुग गौतम कंस्ट्रक्शन को दिया गया है. 3.20 करोड़ रुपये की लागत से होनेवाले इस काम में ठेकेदार ने मजदूरों का बीमा नहीं कराया है. ऑडिट के दौरान ऑडिट टीम द्वारा इस मामले में अपत्ति किये जाने पर कार्यपालक अभियंता ने यह कहा कि ठेकेदार को बीमा कराने का निर्देश दिया जायेगा. पर पीएजी को बीमा कराये जाने के सिलसिले में कोई सूचना नहीं मिली.
केस स्टडी-तीन (देवघर)
देवघर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के निर्माण का काम मेसर्स इंडियन प्रोग्रेसिव कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है. कंपनी ने 19.89 करोड़ रुपये के इस काम में मजदूरों का बीमा नहीं कराया. जांच में यह पाया गया कि निर्माण कार्य के दौरान हुई दुर्घटना में एक मजदूर की मौत हो गयी थी.
कंपनी द्वारा बीमा नहीं कराये जाने के कारण मृत मजदूर के आश्रितों को पांच लाख का मुआवजा नहीं मिल सका. दूसरी ओर ठेकेदार द्वारा बीमा नहीं कराये जाने के बावजूद कार्यपालक अभियंता ने यह दावा किया कि बीमा के कागजात ठेकेदार के पास उपलब्ध हैं. इसे ऑडिट टीम को दिया जायेगा, पर अब तक ऑडिट टीम को कागजात नहीं मिले.

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