लापरवाही . मसलिया में 18 हजार लीटर की जलमीनार भी पेयजल समस्या दूर करने में अक्षम
यूं ही बरबाद हो रहा सैकड़ों लीटर पानी एक तरफ जल संरक्षण को लेकर समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है. वहीं मसलिया में जलापूर्ति के लिए बिछाये गये पाइप लाइन में जगह-जगह छेद हो गया है. इस कारण सैकड़ों लीटर पानी प्रतिदिन बरबाद हो रहा है. दलाही : गरमी आते ही मसलिया में जल […]
यूं ही बरबाद हो रहा सैकड़ों लीटर पानी
एक तरफ जल संरक्षण को लेकर समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है. वहीं मसलिया में जलापूर्ति के लिए बिछाये गये पाइप लाइन में जगह-जगह छेद हो गया है. इस कारण सैकड़ों लीटर पानी प्रतिदिन बरबाद हो रहा है.
दलाही : गरमी आते ही मसलिया में जल संकट गहराने लगा है़ इससे मुक्ति के लिए प्रखंड परिसर में बनी 18 हजार लीटर पानी क्षमता वाली जलमीनार भी अक्षम है.
ग्रामीणों की माने तो इस टंकी से प्राप्त पानी का प्रेशर इतना कम होता है कि एक बाल्टी पानी भरने में काफी समय लग जाता है. जिस कारण लोगों को पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है़ क्षेत्र में इससे उत्पन्न हो रही पेयजल समस्या से क्षेत्र के ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों को भी अवगत कराया है. लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है़ इधर इसी टंकी का पानी हर दिन सैकड़ों लीटर यूं ही बरबाद हो रहा है.
जिसे देखने वाला कोई नहीं है. जानकारी के मुताबिक बिछाये गये पाइप लाइन में कई जगह छेद हो गये हैं, जिस कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है़ जबकि कर्मचारी आवास के सामने तो पतली सी पाइप लगाकर पानी को यू ही बहता छोड़ दिया जाता है़ एक तरफ बूंद-बूंद पानी के बरबादी रोकने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है. वहीं इसका असर दलाही प्रखंड में देखने को नहीं मिल रहा है. इस ओर किसी का ध्यान नहीं है.