नक्सली बाल दस्ते में शामिल हुआ था विमल हेंब्रम
सशस्त्र दस्ता से अलग रहता था बाल दस्ता सर्वप्रथम सशस्त्र दस्ता के लिए विमल बनाते थे खाना और सूचनाएं इकट्ठा करते थे दुमका कोर्ट : पुलिस के हत्थे चढ़ा हार्डकोर नक्सली विमल हेंब्रम ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया है कि वह बाल दस्ते में शामिल हुआ था. उसके गांव का सिधु मरांडी पहले […]
सशस्त्र दस्ता से अलग रहता था बाल दस्ता
सर्वप्रथम सशस्त्र दस्ता के लिए विमल बनाते थे खाना और सूचनाएं इकट्ठा करते थे
दुमका कोर्ट : पुलिस के हत्थे चढ़ा हार्डकोर नक्सली विमल हेंब्रम ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया है कि वह बाल दस्ते में शामिल हुआ था. उसके गांव का सिधु मरांडी पहले से नक्सली दस्ते में शामिल था़ जबकि सुलेखा देवी गांव के लोगों को प्रेरित करती थीं कि दस्ता होने पर पढ़ाई होगी और मदद के रूप में पैसे भी मिलेंगे. उसने आगे बताया कि सुलेखा देवी उसे 20 जून 2013 को काठीकुंड ले गयी. जहां पर ताला दा ने उसे बाल दस्ता में शामिल कर लिया़
उसके अलावा शिकारीपाड़ा रासनाला का मधवा देहरी, बाकीजोर का देवी लाल हांसदा, काठीकुंड महुआगढ़ी का राहुल देहरी पहले से बाल दस्ते में शामिल था़ शुरू में बाल दस्ता को सशस्त्र दस्ता से अलग रखा जाता था़ इस दौरान उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता था, जिसमें सुबह दौड़ और ऐयरगन से फायरिंग करायी जाती थी़ बाल दस्ते का काम सशस्त्र दस्ते के लिए खाना बनाने और सूचनाएं इक्ट्ठा करने का था.
कैंप ध्वस्त होने के बाद छोड़ दिया था दस्ता
आगे अपने बयान में विमल के निशानदेही पर गिरफ्तार हुए दिवान सिंह उर्फ मिस्त्री हेंब्रम और उसकी पत्नी रेवती रानी उर्फ शांति देवी ने भी अपना गुनाह स्वीकारा है. पुलिस को पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि वर्ष 2010 में नक्सली दस्ता में होने के कारण दिवान सिंह से उसे प्रेम हो गया़ इसके बाद वह दो महीने तक उसके घर पर रही़ दस्ता में वह खाना बनाने का काम करती थी़ इसी बीच सीतासाल में नक्सली कैंप ध्वस्त हो गया और पुलिस ने सारा समान अपने कब्जे में ले लिया़ उसके बाद उसने दस्ता छोड़ दिया और पति के साथ घर चली गई़ कुछ महीने बाद उसने एक बेटे को जन्म दिया़ दोबारा दस्ता में नहीं शामिल होने को लेकर उसने खेती करके परिवार को संभालने का काम शुरू कर दिया. जबकि पति दिवान सिंह खदान में बोल्डर मैन का काम करने लगे़ इसी बीच विमल हेंब्रम के निशानदेही पर 12 जुलाई को पुलिस उसके घर पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
तीन सबजोन में बंटा है संताल परगना
पुलिस को दिये बयान में विमल हेंब्रम ने बताया कि संतालपरगना को तीन सब जोन में बांटा गया है़ तीनों जोन विजय दा के नियत्रंण में कार्य करता है़ पहला दक्षिण सब जोन मसलिया को बनाया गया है़ जो कचंन दा के कमांड में है और दूसरा उत्तरी सब जोन काठीकुंड को बनाया गया है़ जो ताला दा के कमांड में है़ जबकि तीसरा मध्य सबजोन शिकारीपाड़ा है. शिकारीपाड़ा सुधीर किस्कू के कमांड में है़