बंगाल में बंद हो माकपा कार्यकर्ताओं पर हमले
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विरोध. माकपा के संतालपरगना क्षेत्रीय कमेटी की विरोध सभा आयोजित, कहा
धीरे-धीरे सरकार की नीति आने लगी सामने : माकपा
दुमका : पश्चिम बंगाल में एक सुनियोजित तरीके से माकपा कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं. यह हमला किसी राजनीतिक दल पर नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर हमला है, जो वहां की सीएम तृणमूल नेत्री ममता बनर्जी के इशारे पर और उनके संरक्षण में हो रहा है. माकपा द्वारा दुमका के सिदो कान्हू इंडोर स्टेडियम में आयोजित एक विरोध सभा में यह बात केंद्रीय कमेटी सदस्य सह पूर्व सांसद रामचंद्र डोम ने कही. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल के द्वारा करवाये जा रहे ऐसे निरंकुश हमलों के पीछे एक निश्चित इरादा है, जो पूरी तरह से फासीवादी तरीके का है.
ये हमले उन बूथों, वार्डो और पंचायतों में हो रहे हैं, जहां चुनाव में वामपक्ष का प्रदर्शन अच्छा रहा है. ऐसे इलाकों में वामपंथी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने, आतंकित करने और उनकी गतिविधियों को रोकने के पीछे का मंसूबा वामपक्ष व माकपा को कमजोर करने की है. श्री डोम ने कहा कि इस आतंक के खिलाफ राज्य के विभिन्न हिस्सों में जनता को गोलबंद कर हिंसा व आतंक का प्रतिरोध करना है. संतालपरगना क्षेत्रीय कमेटी के संयोजक सह राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रकाश विप्लव ने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान तृणमृल ने सत्ता में आने के बाद माकपा के 176 नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्यायें करवायी. पार्टी के साठ हजार समर्थकों को आतंकित करने उनके इलाके से खदेड़ दिया गया.
इन हमलों में वामपंथी दलों के 3020 नेता, कार्यकर्ता और समर्थक घायल हुए. यह सिलसिला लगातार जारी है. इससे पूर्व सभा का मुख्य प्रस्ताव सुरजलीत सिन्हा ने रखा. सभा को माकपा के राज्य सचिव गोपीकांत बक्शी, पूर्व विधायक ज्योतिन सोरेन, जिला सचिव एहतेशाम अहमद, जहीर अहमद, सुभाष हेंब्रम आदि ने भी संबोधित किया.