विकास के ढोल में गुम हो रहे पहाड़िया
विडंबना : राज्य बदले, सरकारें बदली पर 70 सालों में नहीं बदली पहाड़ियों की तकदीर मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहे पहाड़िया सानु दत्ता सरकार पहाड़िया समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई योजनाएं चला रही है और आदिम जनजाति पहाड़िया के विकास का दावा कर रही है़ परंतु इसकी जमीनी सच्चाई […]
विडंबना : राज्य बदले, सरकारें बदली पर 70 सालों में नहीं बदली पहाड़ियों की तकदीर
मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहे पहाड़िया
सानु दत्ता
सरकार पहाड़िया समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई योजनाएं चला रही है और आदिम जनजाति पहाड़िया के विकास का दावा कर रही है़ परंतु इसकी जमीनी सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है़ जिले में कई ऐसे पहाड़ की तराई और चोटी में बसने वाले गांव है़ं जहां आज भी बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसी सुविधाएं नदारद है़ इसकी झलक मसलिया प्रखंड के कोलारकोन्दा पंचायत अंतर्गत भालका गांव के पहाड़ियापाड़ा और सुगापहाड़ी पंचायत के हरिपुर गांव पहाड़िया कल्याण के सभी दवों को झूठला रहा है़ आजादी के 70 साल में राज्य बदल गये सरकारें बदल गयी पर इनकी स्थिति जस की तस है़