सीएम व मंत्रियों का फूंका पुतला

विरोध. संताल के आदिवासी संगठनों के लोग हुए सक्रिय, किया प्रदर्शन 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति बनाने और एसपीटी-सीएनटी को यथावत रखने की मांग दुमका : रघुवर सरकार द्वारा घोषित स्थानीयता नीति, नौकरी में खतियान की बाध्यता समाप्त करने तथा सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में आदिवासी-मूलवासी रैयत संघर्ष मोरचा ने आंदोलन तेज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2016 5:27 AM

विरोध. संताल के आदिवासी संगठनों के लोग हुए सक्रिय, किया प्रदर्शन

1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति बनाने और एसपीटी-सीएनटी को यथावत रखने की मांग
दुमका : रघुवर सरकार द्वारा घोषित स्थानीयता नीति, नौकरी में खतियान की बाध्यता समाप्त करने तथा सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में आदिवासी-मूलवासी रैयत संघर्ष मोरचा ने आंदोलन तेज कर दिया है. सोमवार को मोरचा द्वारा एसपी कॉलेज से पोखरा चौक होते हुए टीन बाजार चौक तक मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद‍् एवं टीएसी सदस्यों के पुतले के साथ शव यात्रा निकाली गयी तथा पुतला दहन कर उसे पंचतत्व में विलीन कर अपने आक्रोश का इजहार किया गया.
कार्यक्रम में शामिल नेताओं-युवाओं ने कहा कि स्थानीयता नीति के बाद सीएनटी-एसपीटी में संशोधन कर सरकार झारखंड के गरीब आदिवासी-मूलवासी रैयतों का हक व अधिकार लूटना चाहती है और बाहरी लोगों और कारपोरेट घरानों को उसका लाभ दिलाना चाहती है. यहां के आदिवासी-मृलवासी रैयतों की नौकरी, हक व अधिकारको लूटा जा रहा है. राज्य जिस उद्देश्य से बनाया गया था, वह पूरा नहीं हो रहा है. नेताओं ने कहा कि सरकार जहां किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं करा पा रही है,
वहीं उद्योग के जरिये विकास लाने की बात कह रही है. एसपीटी-सीएनटी कानून विकास में अगर बाधक ही होते तो आज तक कोई डैम नहीं बना होता और न ही और रेललाइन बिछी होती और न ही अस्पताल या चौड़ी सड़कों का निर्माण हुआ होता. नेताओं ने कहा कि सरकार राज्य की आदिवासी-मूलवासी जनता का अस्तित्व ही मिटाना चाहती है. विरोध प्रदर्शन के जरिये सरकार से 1932 के खतियान आधारित
स्थानीयता नीति बनाने, एसपीटी-सीएनटी को यथावत बने रहने देने तथा नौकरी के लिए खतियान को अनिवार्य बनाये जाने की मांग की. कहा कि अगर मांगों को नहीं माना गया, तो मोरचा सड़क पर उतर कर आंदोलन करेगी और बंदी जैसे निर्णय लेने को विवश होगी. शव यात्रा व पुतला दहन में श्यामदेव हेंब्रम, रवि हांसदा, राकेश कुमार मरांडी, कामराज मुर्मू, सिद्धोर हांसदा, बेलेंडिना मुर्मू व सरिता मुर्मू
शामिल थे.
रैयतों ने मंत्रियों की शव यात्रा भी निकाली
सीएम, मंत्रियों व टीएसी सदस्यों का पुतला फूंकते सैकड़ों लोग. फोटो। प्रभात खबर
एसपीटी व सीएनटी एक्ट में संशोधन का विरोध
जन भावनाओं के विरुद्ध एसपीटी व सीएनटी एक्ट में संशोधन को लेकर झारखंड मुक्ति मोरचा द्वारा सोमवार को टीन बाजार चौक में झारखंड सरकार का पुतला दहन किया गया. झामुमो के जिला अध्यक्ष सुभाष सिंह ने कहा कि रघुवर सरकार जन विरोधी है. उसे न तो यहां रहने वालों से मतलब है और न ही उनकी भावनाओं से. सरकार का रवैया तानाशाही है. जब से इस सरकार का गठन हुआ है, तब से वह झारखंडी जनता को बरबाद करने पर तुली हुई है. उन्हें झारखंड से भगाना चाहती है. इन्हें फिक्र है तो उद्योगपति अडाणी व अंबानी की. केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह ने कहा कि सरकार अपना निर्णय वापस नहीं लेती है तो राज्य में उग्र आंदोलन किया जायेगा. कार्यक्रम में जिला सचिव शिव कुमार बास्की, केंद्रीय समिति सदस्य सुशील कुमार दूबे, नगर अध्यक्ष रवि यादव, छात्र मोरचा के सिद्धोर हांसदा, सत्यम मेहरा, राजीव बास्की, विजय मल्लाह,ख हैदर, शमशेर, मनु पहाड़िया, आलेश हेंब्रम, अशोक आंबेडकर, प्रतिनाथ हांसदा, विमल मरांडी, मनु हांसदा, प्रेमशल मुर्मू, जयश्री टुडू, खुर्शीद आलम, रमेश रजक, विक्की सिंह, राजकुमार रजक, विकास रजक, प्रदीप साह, साकेत गुप्ता, उत्तम शर्मा, इंदु चौबे, प्रभात ठाकुर, टिबु मिश्रा, नंदू साह, दिलीप बेसरा, मथुन कुमार, श्यामसुंदर मंडल, कुंदन साह, जाकिर आदि मौजूद थे.

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