हठधर्मिता छाेड़े सरकार, वापस ले संशोधन
जनसभा . सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन पर जताया आक्रोश व निकाली रैली, बोलीं वृदा करात दुमका : एसपीटी एक्ट 1949 एवं सीएनटी एक्ट 1908 के लिए संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर उपराजधानी दुमका में आदिवासी अधिकार मंच के द्वारा प्रमंडलीय रैली निकाली गयी, जो गांधी मैदान से नगर के विभिन्न मार्गों […]
जनसभा . सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन पर जताया आक्रोश व निकाली रैली, बोलीं वृदा करात
दुमका : एसपीटी एक्ट 1949 एवं सीएनटी एक्ट 1908 के लिए संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर उपराजधानी दुमका में आदिवासी अधिकार मंच के द्वारा प्रमंडलीय रैली निकाली गयी, जो गांधी मैदान से नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए पुराना समाहरणालय परिसर पहुंची और सभा में तब्दील हो गयी. रैली में माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात भी मुख्य रूप से शामिल हुईं और सभा को संबोधित किया.
वृंदा ने कहा कि आदिवासियों की जमीन छीनने के लिए ही एसपीटी और सीएनटी एक्ट में संशोधन हो रहा है. हजारों लोगों की कुर्बानी और शहादत से बने इन दोनों कानूनों में संशोधन को वापस लेने के लिए उन्होंने सरकार को मजबूर कर देने का आह्वान किया. आदिवासी अधिकार मंच के राज्य संयोजक प्रफुल्ल लिंडा ने कहा कि जमीन लूट के लिए बने कानून को सरकार के साथ दफन करना होगा. सरकार को उसकी हठधर्मिता के लिए पीछे हटने को मजबूर करना होगा.
उन्होंने संघर्ष व आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया. सभा की अध्यक्षता प्रमंडलीय संयोजक सुभाष हेंब्रम ने की. मौके पर एहतेशाम अहमद, पीटर हेंब्रम, महादेव हेंब्रम, गया सिंह देहरी, देवेंद्र देहरी, अशोक साह, कोलजारबिन सोरेन, प्रमिला किस्कू, जोहन मुर्मू, मोहन मंडल, बारिश मुर्मू, लखन मंडल, मंटु मुंडू, सुसान्ना मरांडी, साईलेश सोरेन, जीके बक्शी, रसका टुडू आदि शामिल थे.
दुमका में आदिवासी अधिकार मंच की सभा को संबोधित करतीं वृंदा करात.
पहुंची हॉस्टल, जाना छात्रों का हाल
एसपी कॉलेज के छात्रावास परिसर में छात्रों की समस्याओं से रूबरू होतीं वृंदा करात.
काले संशोधन से जमीन होगी प्रभावित
माकपा नेता वृंदा करात ने कहा कि एसपीटी-सीएनटी में किये गये इस काले संशोधन से आदिवासी छात्रों की जब जमीन प्रभावित होगी, तो वे क्यों विरोध नहीं करेंगे. जनवादी व्यवस्था में विरोध करना उनका हक है. सरकार-प्रशासन ने क्रूरता दिखायी है. परीक्षा के वक्त इनके हॉस्टल को खाली कराया गया है. यह तानाशाही नहीं तो और क्या है. सभी जानते हैं कि आदिवासी परंपरागत रूप से तीर-धनुष रखते हैं. कोई छुपाकर इन्होंने तीर धनुष को नहीं रखा. अपने कमरों में रखा. आजतक कभी इसका दुरुपयोग नहीं किया. मौके पर माकपा जिला सचिव एहतेशाम अहमद आदि मौजूद थे.