आइजी के तत्कालीन रीडर व उसके पुत्र पर प्राथमिकी दर्ज
11 लाख ठगी करने का मामला दुमका कोर्ट : ब्लूकार्म ट्रेडर्स एलएमपी कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनाने के नाम पर धोखाधड़ी कर 11 लाख रुपये का ठगी के मामले को लेकर शहर के गिलानपाड़ा निवासी चंदन कुमार गुप्ता ने कंपनी के डायरेक्टर अंकित कुमार मिश्रा व आइजी के रीडर उमेश्वर मिश्रा के विरुद्ध नगर थाना में […]
11 लाख ठगी करने का मामला
दुमका कोर्ट : ब्लूकार्म ट्रेडर्स एलएमपी कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनाने के नाम पर धोखाधड़ी कर 11 लाख रुपये का ठगी के मामले को लेकर शहर के गिलानपाड़ा निवासी चंदन कुमार गुप्ता ने कंपनी के डायरेक्टर अंकित कुमार मिश्रा व आइजी के रीडर उमेश्वर मिश्रा के विरुद्ध नगर थाना में भादवि की धारा 406, 320, 120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी है. दर्ज मामले के अनुसार, चंदन कुमार गुप्ता लिपि इंटरप्राईजेज के नाम से कोकाकोला का व्यापार करता था. पैसे की कमी हो जाने के कारण उसका व्यापार बंद हो गया.
2013 में लिया था लोन : 2013 में स्टेट बैंक से 11 लाख रूपये का लोन लिया था. उमेश्वर मिश्रा जो आईजी कार्यालय में रीडर के पद पर कार्यरत था.
आइजी के तत्कालीन रीडर…
उसने चंदन कुमार गुप्ता के पिता श्रीकृष्ण साह से कहा कि उसका लड़का अंकित कुमार मिश्रा ब्लूकार्म ट्रेडर्स एलएमपी नाम का कंपनी खोला है. उसका मुख्यालय बेंगलुरु में है. दुमका शहर में भी थाना रोड में आरएस इंटरप्राईजेज फर्निचर दुकान के तीसरा तल्ला पर कंपनी का कार्यालय है. कम्पनी का डायरेक्टर उसका बेटा अंकित कुमार मिश्रा है. उमेश्वर मिश्रा ने चंदन कुमार गुप्ता को 2015 में अपने बेटा अंकित कुमार मिश्रा से मिलने के लिए भेजा. मिलने के बाद अंकित ने चंदन को बताया कि कम्पनी में महिलाओ के पहनावे से संबंधित कपड़े का व्यापार किया जाता है. प्रत्येक जिला में एक डिस्ट्रीब्यूटर होगा.
उसके झासे में आ गया. उसके कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करने के बाद 7 अगस्त 2015 को 5 लाख रूपये कम्पनी के खाते में जमा कराया. उसके बाद 19 सितम्बर 2015 को 6 लाख रूपये का चेक कम्पनी के नाम से दिया. कुल 11 लाख रूपये लेने के बाद न तो कम्पनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनाया और न ही उतने रकम का सामान दिया. कार्यालय जाने पर बंद मिला तो कार्यालय के कर्मियों से पूछताछ करने पर पत चला कि बिना वेतन दिये ही कार्यालय बंद करके भाग गया है. फोन पर संपर्क करने पर बताया कि खरीदा गया सामान दूसरे डिस्ट्रीब्यूटर को बेच दिया है. उसका मुनाफा एक लाख 50 हजार रूपये दे देगा. रूपये की मांग करने पर पहले बहाने बनाता रहा, बाद में अपना फोन बंद कर दिया. उसके पिता उमेश्वर मिश्रा से शिकायत करने गया तो बात करने से मना करते हुए अभद्र व्यवहार किया.