तसर उत्पादन में असीम संभावनाएं: सुधीर

दीप प्रज्जवलित करते कार्यक्रम का उदघाटन करते महाप्रबंधक रमेश प्रसाद गुप्ता व मौजूद लोग. दुमका : अग्र परियोजना केंद्र कुश्चिरा में सोमवार को एक दिवसीय कार्यशाला सह सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसका उद‍्घाटन मुख्य अतिथि के तौर पर उद्योग विभाग के महाप्रबंधक रमेश प्रसाद गुप्ता द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया. सहायक उद्योग निदेशक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2017 5:18 AM

दीप प्रज्जवलित करते कार्यक्रम का उदघाटन करते महाप्रबंधक रमेश प्रसाद गुप्ता व मौजूद लोग.

दुमका : अग्र परियोजना केंद्र कुश्चिरा में सोमवार को एक दिवसीय कार्यशाला सह सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसका उद‍्घाटन मुख्य अतिथि के तौर पर उद्योग विभाग के महाप्रबंधक रमेश प्रसाद गुप्ता द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया. सहायक उद्योग निदेशक सुधीर कुमार सिंह ने तसर कीटपालकों को संबोधित करते हुए कहा कि तसर उत्पादन में असीम संभावनाएं हैं. आज कीटपालन के माध्यम से वन संरक्षण का कार्य संपादित हो रहा है. पर्यावरण संतुलन में तसर खाद्य पौधों का महत्व बढ़ रहा है.
बहुत हद तक तसर उत्पादन से पलायन नियंत्रण एवं रोजगार सृजन हो रहा है. किसान अधिक संगठित होकर तसर उत्पादन करेंगे तो वह दिन दूर नहीं जब दुमका जिला देश में तसर के क्षेत्र में पहले नंबर पर होगा. महाप्रबंधक श्री गुप्ता कहा कि नगण्य लागत एवं कम अवधि में तसर उत्पादन ही एक ऐसा व्यवसाय है जो सबसे अधिक आर्थिक लाभ प्रदान करता है. इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत मो खादिम ने किया. डॉ एस गिरि द्वारा तसर कीट प्रबंधन पर प्रकाश डाला गया साथ ही मुद्रा योजना एवं कैशलेस प्रक्रिया पर भी बताया गया. मंच का संचालन अग्र परियोजना पदाधिकारी काठीकुंड मो नइमुद्दीन द्वारा किया गया. द्वितीय सत्र में प्रेम कुमार गुप्ता द्वारा बीजागार प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की गयी. प्रबंधक मुरलीधर सिंह द्वारा रोग नियंत्रण पर विस्तार समझाया गया. परियोजना सहायक अमित महतो द्वारा तसर खाद्य पौधा प्रबंधन पर चर्चा किया गया. कमांड क्षेत्र के उत्कृष्ट कीटपालक रंगाई देहरी(चीरुडीह) को प्रथम पुरस्कार एवं सहदेव किस्कू (कुंडापहाड़ी) को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस कार्यशाला में डॉ नकुल साहा, अखिलेश्वर प्रसाद, पीके घोष आदि उपस्थित थे.

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