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प्रधान पर फर्जी ग्रामसभा करने का आरोप

गड़बड़. फर्जी हस्ताक्षर व टीप लगाकर पत्थर माफियाओं को खदान लीज पर देने का मामला दर्जनों की संख्या में दुमका पहुंचे ग्रामीणों ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन ग्रामसभा को रद्द कराने की मांग की दुमका : दुमका जिले के शिकारीपाड़ा पत्थर औद्योगिक क्षेत्र में मोहलबना मौजा के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर फर्जी तरीके से […]

गड़बड़. फर्जी हस्ताक्षर व टीप लगाकर पत्थर माफियाओं को खदान लीज पर देने का मामला

दर्जनों की संख्या में दुमका पहुंचे ग्रामीणों ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
ग्रामसभा को रद्द कराने की मांग की
दुमका : दुमका जिले के शिकारीपाड़ा पत्थर औद्योगिक क्षेत्र में मोहलबना मौजा के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर फर्जी तरीके से ग्रामसभा करने का आरोप लगाया है. गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में दुमका पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान ने गुपचुप तरीके से कुछ ग्रामीणों से फर्जी हस्ताक्षर एवं फर्जी टीप निशान लगवाकर पत्थर माफियाओं की मिलीभगत से अवैध तरीके से पत्थर खदान लीज के लिए ग्रामसभा करवायी है. ग्रामीणों द्वारा उपायुक्त को संबोधित संयुक्त ज्ञापन में कहा गया है कि मोहलबना आदिवासी बहुल गांव है. जहां के लोग अधिकतर किसान या मजदूर हैं. सभी की आजीविका का साधन खेती ही है.
इनका कहना है कि गांव की अधिकांश भूमि जंगल व गोचर है, कम ही जमीन खेती लायक है. लोगों का कहना था कि एसपीटी एक्ट व परंपरागत ग्रामसभा व्यवस्था में यह प्रावधान है कि कुल आबादी के पचास प्रतिशत से अधिक रैयत अगर ग्रामासभा में उपस्थित रहेंगे और बिना किसी विरोध के सर्वसम्मति से पारित करेंगे, तभी ग्रामसभा मान्य होगी. लेकिन उनके ग्राम प्रधान ने आदिवासी परंपरा व लोकतांत्रिक व्यवस्था की धज्जी उड़ाते हुए फर्जी टीप निशान लगाकर व फर्जी हस्ताक्षर कर अवैध तरीके से पत्थर खदान का लीज दिलाने की कोशिश की है. ग्रामीणों ने गुपचुप तरीके से की गयी ग्रामसभा को रद‍्द करने की मांग की है, ताकि रैयत अपनी जमीन पर खेतीबाड़ी कर परिवार का भरण-पोषण कर सकें. ग्रामीणों ने उक्त ग्रामसभा को रद‍्द नहीं किये जाने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है. वहीं मामले में ग्राम प्रधान से बात नहीं हो पायी है.
ग्रामसभा को रद्द नहीं किये जाने पर आंदोलन की दी चेतावनी
ग्रामीणों ने कहा
ग्रामसभा फर्जी तरीके से की गयी है. ग्राम प्रधान ने इस ग्रामसभा की कोई सूचना नहीं दी है. हस्ताक्षर भी फर्जी कराये गये हैं.
– सुकु टुडू, ग्रामीण
हमलोग नहीं चाहते कि गांव में पत्थर खदान खुले और हमारी खेतीबाड़ी चौपट हो. ग्रामीणों की कोई सहमति इसमें नहीं ली गयी है.
– राम हांसदा, ग्रामीण
जिस ग्रामसभा का कागज हमारे तक पहुंचा है, उसमें मेरा भी फर्जी हस्ताक्षर दिखाया गया है. उक्त बैठक में मैं मौजूद ही नहीं था. ग्रामसभा रद‍्द होनी चाहिए.
– फ्रांसिस हांसदा, ग्रामीण
इन्हें ग्रामसभा में दी गयी अनापत्ति, जिस पर है विरोध
1. सलीम अंसारी, तकरारपुर, कोल्हा, काठीकुंड
2. आनंद गुटगुटिया, गुटगुटिया हाउस, गिलानपाड़ा, दुमका
3. भूदेव कुमार राव, महुआडंगाल, दुधानी, दुमका
इन्होंने जतायी है आपत्ति
सुकु टुडू, किस्टू सोरेन, गोपीनाथ मरांडी, रतन सोरेन, होपनी हांसदा,सोनामुनी मरांडी, दुलाड़ मरांडी, रासमुनी मरांडी, पुष्पा टुडू, माकु मरांडी, लिली मुर्मू, मर्सिलीना मुर्मू, जसमी हांसदा, श्रीफूल टुडू, सावित्री मरांडी,रामसुंदर किस्कू, रामेश्वर टुडू, मोतीलाल हेंब्रम.
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