मूलभूत सुविधा से वंचित बेलपहाड़ी के ग्रामीण

उपेक्षा . गांव पहुंचने से पहले ही दम तोड़ रही सरकारी योजनाएं सड़कें बदहाल, शिक्षा व्यवस्था भी चौपट झरने के गंदे पानी से प्यास बुझाने के मजबूर ग्रामीण मसलिया : मसलिया प्रखंड के हारोरायडीह पंचायत अंतर्गत बेलपहाड़ी आदिवासी टोला के लोग झारखंड अलग राज्य होने के ढेर दशक बाद भी सड़क,स्वास्थ्य,शिक्षा व पेयजल जैसी मूलभूत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2017 1:19 AM

उपेक्षा . गांव पहुंचने से पहले ही दम तोड़ रही सरकारी योजनाएं

सड़कें बदहाल, शिक्षा व्यवस्था भी चौपट
झरने के गंदे पानी से प्यास बुझाने के मजबूर ग्रामीण
मसलिया : मसलिया प्रखंड के हारोरायडीह पंचायत अंतर्गत बेलपहाड़ी आदिवासी टोला के लोग झारखंड अलग राज्य होने के ढेर दशक बाद भी सड़क,स्वास्थ्य,शिक्षा व पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है. पलासी मोड़ से बेलपहाड़ी गांव तक जाने वाली एक किमी पथरीली सड़क की स्थिति आज भी नहीं सुधरी. वर्षों पूर्व सुनिश्चित रोजगार योजना मद से प्रखंड स्तरीय कर्मचारी के नाम पर लाखों रुपये की लागत से बोल्डर-मोरम निर्माण कार्य कराया गया था. अलग राज्य बनने के 16 साल बीतने के बाद भी बेलपहाड़ी आदिवासी टोला जाने वाली सड़क की मरम्मत नहीं की गयी. पथरीली सड़क से दो पहिया वाहन तो दूर लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल है.
सड़क बदहाल रहने के कारण गांव तक वाहनों का आवागमन नहीं हो पता है. बेलपहाड़ी के ग्रामीण बताते है कि अगर कोई बीमार पड़ जाये तो उसे इलाज के लिए खटिया में टांग कर ले जाया जाता है या झोलाछाप चिकित्सक से इलाज कराकर पड़ता है. बेलपहाड़ी गांव में 18 परिवार आदिवासी समुदाय के है. गांव में शिक्षण व्यवस्था भी बदहाल है. सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2002 में स्कूल खोला गया था. शिक्षा विभाग द्वारा लाखों रूपये की लागत पर दो कमरे की एक स्कूल भवन, शौचालय व चापानल बनाया गया. पर स्कूल में छात्रों की संख्या कम रहने के कारण शिक्षा विभाग ने दिसंबर महिने से बंद कराकर बगल स्कूल पलासी में छात्रों व शिक्षकों को समायोजन कर दिया है. ग्रामीणों को अब चिंता है कि बरसात के दिनों में बदहाल सड़क पर से बच्चे विद्यालय कैसे जायेंगे. पहाड़ की तल्लटी में बसा इस गांव में पेयजल की भी समस्या है. गांव में चापानल तो है पर उसमें पानी न के बारबर निकलता है. जिसकारण ग्रामीण झरना का गंदा पानी पीने को मजबूर है.

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