मजदूर से मास्क पहनने की अपील
पहल. सिलकोसिस बीमारी से बचाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन बीमारी का जब तक मजदूरों को पता चलता है, तब तक देर हो चुकी होती है. इसे लेकर समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करना आवश्यक होता है. पत्थर खदान व क्रशर में काम करने वाले मजदूर आते हैं सिलकोसिस की चपेट में दुमका : खान […]
पहल. सिलकोसिस बीमारी से बचाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
बीमारी का जब तक मजदूरों को पता चलता है, तब तक देर हो चुकी होती है. इसे लेकर समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करना आवश्यक होता है.
पत्थर खदान व क्रशर में काम करने वाले मजदूर आते हैं सिलकोसिस की चपेट में
दुमका : खान सुरक्षा निदेशालय द्वारा उपराजधानी दुमका के सूचना भवन सभागार में खान सुरक्षा निदेशक संजीवन रॉय व बी पप्पा राव, उप निदेशक खान सुरक्षा इस्टर्न जोन सीतारामपुर कृशनेन्दु मंडल एवं उप निदेशक मुख्यालय एनपी देवरी की मौजूदगी में सिलकोसिस बीमारी से बचाव को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर आयोजित कार्यक्रम में दुमका जिला के विभिन्न इलाके में पत्थर खदान संचालित करने वाले उद्यमी, उनके प्रतिनिधि एवं श्रमिकों ने भाग लिया. इस कार्यशाला में सिलकोसिस बीमारी से बचने की जानकारी दी गयी.
कार्यक्रम में कृशनेंदु मंडल ने इस गंभीर बीमारी के बारे में चर्चा की एवं बताया कि यह किन कारणों से होता है तथा उससे बचावे के लिए किस तरह के एहतियात कदम उठाये जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि खासकर पत्थर खदान में काम कर रहे श्रमिकों एवं अन्य लोगों में यह बीमारी सामान्य तौर पर देखने को मिलती है. इस बीमारी के बारे में जब तक उन्हें पता चल पाता है, तब तक देर हो चुकी होती है. उन्होंने कहा कि खादान में नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाय क्योंकि डस्ट ही इस बीमारी का प्रमुख कारण है. उन्होंने कहा कि वैसे श्रमिक जो लंबे समय से खदान में काम कर रहे हैं उनके स्वास्थ्य की जांच करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि वैसे मजदूर जो अपना जांच खुद से नहीं करा सकते उनका खर्च खदान मालिकों के द्वारा उठाया जायेगा. उन्होंने धूलकण से बचाव के लिए मास्क के इस्तेमाल पर भी बल दिया. उपलब्ध कई तरह के मास्क की भी उन्होंने जानकारी दी. क्रशर व्यवसायियों में कौशल किशोर, माणिक चंद्र, सुरेश कुमार वर्मा, मो सलाम आदि मौजूद थे.