संकीर्तन से पापों का होता है नाश: शास्त्री

बासुकिनाथ : श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह के सप्तम दिन मंगलवार को बासुकिनाथ में भक्तों ने भागवत रूपी कथा के भक्ति सागर में डुबकी लगाकर अपने जीवन को धन्य किया. कथा व्यास आचार्य मदनमोहन शास्त्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत को प्रणाम करने मात्र करने से संपूर्ण दु:खों का समन हो जाता है तथा संकीर्तन करने से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2017 2:08 AM

बासुकिनाथ : श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह के सप्तम दिन मंगलवार को बासुकिनाथ में भक्तों ने भागवत रूपी कथा के भक्ति सागर में डुबकी लगाकर अपने जीवन को धन्य किया. कथा व्यास आचार्य मदनमोहन शास्त्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत को प्रणाम करने मात्र करने से संपूर्ण दु:खों का समन हो जाता है तथा संकीर्तन करने से संपूर्ण पापों का नाश हो जाता है.

इस संसार में अपना कुछ भी नहीं है. जो कुछ है वह भगवान का ही है अगर मनुष्य भगवान के सिवाय किसी को भी अपना मान ले तो उनका भूल है. संसार सर्वथा मिलता हुआ दिखता तो भी अपना नहीं है. इसके अलावे अनुष्ठान आचार्य युवराज शास्त्री एवं संगीत में रेवती एवं दिवाकर द्वारा मनमोहक भजन की प्रस्तुति से भक्तों का मन मोहा. कथा के सफल संचालन में नंद किशोर झा, सुबल ठाकुर, शंभु पाठक, भैरो राव, सुनील शर्मा आदि लगे रहे.

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