गोपीकांदर : सरकार की बहुत सारी योजनाएं धरातल पर आती तो जरूर है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पाता है. कुछ ऐसा ही दृश्य प्रखंड के कुसचिरा में देखने को मिल रहा है. यहां लाखों की लागत से बनायी गयी जलमीनार सिर्फ एक शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. जलमीनार के बने लगभग दस साल से भी ज्यादा हो गया,
लेकिन ग्रामीणों को एक भी दिन इसका पानी नसीब नहीं हुआ. जबकि जलमीनार बनने के बाद ही वाटर सप्लाई के लिए पूरे गांव में पाइप लाइन बिछाया जा चुका है. पाइप बिछाये जाने के दौरान ग्रामीणों में एक उम्मीद जगी थी की कम से कम उन्हें शुद्ध पीने का पानी तो नसीब होगा. कई साल बीत जाने के बाद भी उन्हें पानी तो नहीं मिला, लेकिन उनके उम्मीदों पर पानी जरूर फिर गया है.