बाबा काे आज लगेगी हल्दी, चढ़ेगा लावा कांसा
महाशिवरात्रि . शिव पार्वती का गंठबंधन खुला, गुंबद से पंचशूल, चांदी का झंडा, त्रिशूल व कलश उतारा गया भोलेनाथ का विवाह को लेकर पूरे इलाके में हर्ष व उल्लास का माहौल व्याप्त है. वहीं नगरी भी सज-धज कर तैयार हो रही है. बाजारों में भी रौनक बढ़ गयी है. बासुकिनाथ : महाशिवरात्रि के पावन अवसर […]
महाशिवरात्रि . शिव पार्वती का गंठबंधन खुला, गुंबद से पंचशूल, चांदी का झंडा, त्रिशूल व कलश उतारा गया
भोलेनाथ का विवाह को लेकर पूरे इलाके में हर्ष व उल्लास का माहौल व्याप्त है. वहीं नगरी भी सज-धज कर तैयार हो रही है. बाजारों में भी रौनक बढ़ गयी है.
बासुकिनाथ : महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर बाबा फौजदारीनाथ के शादी की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. बुधवार को मंदिर के गुंबद पर से पंचशूल, चांदी का झंडा, त्रिशूल, कलश आदि को उतारा गया. मंदिर प्रभारी सह बीडीओ संजय कुमार दास ने बताया कि बाबा के शादी पारंपरिक तरीके से कराया जायेगा. विवाह से जुड़ी सामग्रियों की खरीदारी की जा रही है. बाबा फौजदारीनाथ का धूमधाम से विवाह किया जायेगा. मंदिर पुरोहित प्रेमशंकर झा ने बताया कि मंदिर प्रांगण में गुरुवार को पूरे विधि विधान के साथ शिव-पार्वती के शादी के रश्म की शुरुआत होगी. बाबा फौजदारीनाथ व मैया पार्वती को विधिकरी
शौखी कुंवर द्वारा हरिद्रालेपन सगनौती किया जायेगा. भगवान शिव व मैया पार्वती पर आज गुरुवार को लावा कांसा चढ़ाया जायेगा. मंदिर प्रांगण में महिलाओं द्वारा अवसर पर विवाह मंगलगीत गाये जायेंगे. पंडित सुधाकर झा ने बताया की विवाह से एक दिन पूर्व अधिवाश होता है. बाबा के गूंबद पर से सोने-चांदी के कलश व त्रिशुल को नीचे उतारा गया. बाबा फौजदारी नाथ व मैया पार्वती को आज पूरे विधि-विधान के साथ सोना, चांदी, काजल, वस्त्र, अलता, दूर्वा आदि चढ़ाया जायेगा. मंदिर पुरोहित व विधिकारी शौखी कूंवर द्वारा विवाह के रश्म पूरे किये जायेंगे. वहीं महिलाएं नहाय खाय के साथ आज संयत करेंगी.भगवान शिव व मैया पार्वती मंदिर के गठबंधन शनिवार को खोला गया. इस खुले हुए गंठबंधन को प्रसाद स्वरूप पाने के लिए भक्तों की भीड़ लगी. मान्यता है कि इस गंठबंधन के प्रसाद को यदि किसी शादी योग्य लड़की व लड़का को गले में पहनाया जाय तो उसकी शादी जल्दी होती है. गुंबद पर से उतारे गये पंचशुल, कलश व त्रिशुल को साफ-सुथरा कर महाशिवरात्रि के दिन विधिकरी शौखी कुंवर व उसके परिवार के सदस्यों द्वारा गुंबद पर चढ़ाया जायेगा.