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बड़ी समस्या . मूलभूत सुविधाओं से वंचित पहाड़िया गांव पुड़पहाड़ आज के इस आधुनिक युग में भी आज भी ऐसे कई गांव हैं जो बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं. कई गांवों में आज भी बिजली, पानी व अच्छी सड़क नहीं है. शिकारीपाड़ा : शिकारीपाड़ा प्रखंड मे बांकीजोर पंचायत के पुड़पहाड गांव के ग्रामीण आज भी […]

बड़ी समस्या . मूलभूत सुविधाओं से वंचित पहाड़िया गांव पुड़पहाड़

आज के इस आधुनिक युग में भी आज भी ऐसे कई गांव हैं जो बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं. कई गांवों में आज भी बिजली, पानी व अच्छी सड़क नहीं है.
शिकारीपाड़ा : शिकारीपाड़ा प्रखंड मे बांकीजोर पंचायत के पुड़पहाड गांव के ग्रामीण आज भी मुलभूत सुविधाओं से वंचित है. उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र मे स्थित पहाडि़या बाहुल्य इस गांव में न पेयजल की व्यवस्था है, न बिजली की सुविधा है और न ही सड़क बनी हुई है. गांव की एक मात्र चापाकल भी खराब है. ग्रामीण गांव से पगडंडी के रास्ते दो किमी दूर झरना से पेयजल की व्यवस्था करते हैं. ग्रामीणों के अनुसार अप्रैल माह तक आस पास के सभी जल स्रोत सूख जाता है.
ऐसे में गांव से पांच किमी दूर कल्याणेश्वरी झरना से पेयजल की व्यवस्था करना पड़ता है. ग्राम प्रधान मनसु देहरी के अनुसार चार वर्ष पहले राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण के दौरान गांव में विद्युतीकरण किया गया था. लेकिन ट्रांसफाॅर्मर खराब रहने के कारण बिजली एक भी दिन नहीं जली ट्रांसफाॅर्मर के लिए कई बार विभाग में आवेदन दिया गया है लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. गांव से निकलने के लिए पत्थरीली रास्ता है.
सड़क नहीं, पगडंडी के सहारे आवागमन की मजबूरी
क्या कहते हैं ग्रामीण
इस गांव में न सड़क न पानी और न ही बिजली की व्यवस्था है पानी के लिए गांव से दो किमी दूर झरना पगडंडी के रास्ते जाना पड़ता है. यहां डीप बोरिंग हो ताकि पेयजल की व्यवस्था हो सके.
– चायना देहरी
गांव में बिजली पानी की व्यवस्था नहीं है और न ही सड़क ही बनी हुई है. बीमारी के अवस्था में रोगी या प्रसव रोगी को खटिया में टांग कर ले जाना पड़ता है.
– मानुस देहरी
गांव में किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं है. यहां न पेयजल, न शौचालय, न बिजली न ही ग्रामीण पथ बनी है. पेयजल के लिए पगडंडी के रास्ते दाे किमी दूर झरना से लाना पड़ता है. हमारी सुधी लेने वाला कोई नहीं है.
– लक्खी रानी
गांव में सड़क व पेयजल की व्यवस्था हो ताकि यहां के लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया हो सके.
– कार्तिक देहरी
बोले िवभाग के अिधकारी
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सहायक अभियंता सुशील टुडू ने बताया कि दो तीन दिनों के अंदर खराब चापाकल को बनवाने का प्रयास किया जाएगा. नहीं बनने की स्थिति में नया चापाकल लगवाया जाएगा.

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