सरकारी नमक के नाम पर कहीं जहर तो नहीं खा रहे

एक रुपये किलो वाला नमक को ग्रामीण बता रहे खाने लायक नहीं रानीश्वर : ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के मन में यह सवाल घर करने लगा है कि क्या विभिन्न जन वितरण प्रणाली दुकानों से उन्हें सस्ते दर पर मिलनेवाला नमक खाने लायक है या नहीं. उपभोक्ताओं को एक रुपये प्रति किलो की दर से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2017 6:29 AM

एक रुपये किलो वाला नमक को ग्रामीण बता रहे खाने लायक नहीं

रानीश्वर : ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के मन में यह सवाल घर करने लगा है कि क्या विभिन्न जन वितरण प्रणाली दुकानों से उन्हें सस्ते दर पर मिलनेवाला नमक खाने लायक है या नहीं. उपभोक्ताओं को एक रुपये प्रति किलो की दर से जविप्र दुकान से आयोडाइज्ड नमक मिलता है़ एक किलो के पैकेट में मिलनेवाले इस नमक को खोलकर लोग जब डब्बा में रखते हैं, तो उसका रंग बदल जाता है़ उस नमक से सब्जी बनाने पर सब्जी का रंग भी बदल जाता है़ मवेशी को खिलाने पर मवेशी की तबीयत खराब हो जाती है़ कार्डधारियों ने बताया कि इस बार राशन दुकान से नमक लाने के बाद नमक के
पैकेट खोल कर डब्बा में रखा गया, तो उसका रंग सफेद से हरा हो गया. इसके पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है़ झारखंड सरकार बीपीएल कार्डधारियों को सस्ते दर पर नमक उपलब्ध कराती है़ झारखंड नमक नाम से आयोडिनयुक्त नमक जो गुजरात के कच्छ से आपूर्ति की जाती है़ नमक का रंग बदले जाने से लोगों के घरों में सस्ते दर पर उपलब्ध कराये गये नमक बेकार पड़ा हुआ है़
हमारे तक ऐसी शिकायत या जानकारी नहीं पहुंची है. अगर ऐसी बातें सामने आ रही है तो संबंधित प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी से जांच करायी जायेगी और आवश्यक कदम उठाये जायेंगे.
– जय ज्योति सामंता, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, दुमका
वजह नहीं बता पा रहे अधिकारी
वहीं सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रीतम कुमार दत्त भी नमक का रंग बदलने की वजह नहीं बता पाये़ नमक का रंग बदल जाने को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चा हो रही है़

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