संताल परगना में 11 नये कॉलेजों की मिली स्वीकृति, 9 में होगी बिना बॉटनी-जूलॉजी के ही साइंस की पढ़ाई
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के अंतर्गत 11 नये डिग्री कालेजों की स्थापना राज्य सरकार ने स्वीकृति प्रदान की है. उनमें नौ कॉलेज ऐसे हैं, जहां साइंस की तो पढ़ाई होगी, पर बिना बॉटनी व जूलोजी के, क्योंकि उन कॉलेजों में बॉटनी व जूलोजी पढ़ाने वाले शिक्षक ही नहीं होंगे.
Dumka News: संताल परगना में सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के अंतर्गत जिन 11 नये डिग्री कालेजों की स्थापना राज्य सरकार ने की है या स्वीकृति प्रदान की है, उनमें नौ कॉलेज ऐसे हैं, जहां साइंस की तो पढ़ाई होगी, पर बिना बॉटनी व जूलोजी के ही. कारण यह है कि उन कॉलेजों में बॉटनी व जूलोजी पढ़ाने वाले शिक्षक ही नहीं होंगे. दरअसल झारखंड सरकार के उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा निदेशालय ने जो संकल्प जारी किया है, उसमें इन कालेजों में पढ़ाई सुनिश्चित कराने के लिए विषयवार प्राचार्य व विषयवार सहायक प्राध्यापक के पदों का सृजन किया गया है.
सभी कॉलेजों में शिक्षक के लिए 18-18 व शिक्षकेतर कर्मचारी के लिए 11-11 पद सृजित किये गये हैं. संकल्प के मुताबिक, महिला महाविद्यालय मधुपुर व महिला महाविद्यालय सारठ में प्राचार्य के लिए एक-एक, कला संंकाय में अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, गृह विज्ञान, हिंदी, इतिहास, राजनीति शास्त्र, संताली एवं समाजशास्त्र, विज्ञान संकाय में रसायनशास्त्र, गणित, भौतिकी, जंतु विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान, वाणिज्य संकाय में वाणिज्य व इनफोरमेशन टेक्नोलॉजी संकाय में आइटी के एक-एक सहायक प्राध्यापक के पद सृजित किये गये हैं. पर, अन्य नौ डिग्री कॉलेजों जो बरहेट, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, जामा, जरमुंडी, बोरियो, शिकारीपाड़ा, नाला व महगामा में खोलने का आदेश है, उनमें रसायनशास्त्र, भौतिकी व गणित के लिए सहायक प्राध्यापक के पद तो सृजित हुए हैं, पर जंतु विज्ञान (जूलॉजी) व वनस्पति विज्ञान (बॉटनी) के लिए नहीं.
ऐसे में इन कॉलेजों में आनेवाले समय में पढ़ाई शुरू करायी भी गयी, तो पद सृजित नहीं रहने से जंतु विज्ञान व वनस्पति विज्ञान की पढ़ाई नहीं हो सकेगी. स्थायी नियुक्ति के अभाव में अतिथि शिक्षक या अनुबंध पर शिक्षक रखकर अध्यापन करा पाना भी संभव नहीं होगा.
आउटसोर्सिंग से रखे जायेंगे कंप्यूटर ऑपरेटर व चार फोर्थ ग्रेड स्टाफ
उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी संकल्प के मुताबिक इन 18 ( प्राचार्य व 17 सहायक प्राध्यापक) शिक्षकों के अलावा जिन 11 शिक्षकेतर कर्मचारियों के लिए पद का सृजन हुआ है, उनमें एक उच्च वर्गीय लिपिक, एक सहायक पुस्तकाध्यक्ष, तीन निम्नवर्गीय लिपिक की नियुक्ति तो नियमित तौर पर होगी, पर हर कॉलेज में दो कंप्यूटर ऑपरेटर व चार चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जायेगी.
संकल्प की प्रमुख बातें
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प्राचार्य के पद पर नियुक्त होने तक तत्काल विश्वविद्यालय द्वारा वरीय शिक्षक को रखा जायेगा. बाद में सीधी नियुक्ति झारखंड लोक सेवा आयोग की अनुशंसा पर की जायेगी.
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सहायक प्राध्यापक की सीधी नियुक्ति राज्य सरकार के स्टेच्युट के अनुसार जेपीएससी की अनुशंसा पर कुलपति द्वारा की जायेगी.
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कॉलेज प्रारंभ करने के लिए तत्काल प्रत्येक विषय में एक शिक्षक की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा संविदा के आधार पर एक साल के लिए की जायेगी.
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बाद में संविदा शिक्षकों के स्थान पर स्थायी नियुक्ति के लिए अधियाचना जेपीएससी काे भेजी जायेगी.
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11 नये डिग्री कॉलेजों के लिए सरकार ने शिक्षक के पदों का सृजन तो किया, पर नौ कॉलेजों में बॉटनी-जूलोजी के लिए पद ही सृजित नहीं.
रिपोर्ट : आनंद जायसवाल, दुमका