झारखंड के हालात पर बोले बाबूलाल मरांडी- संवैधानिक व्यवस्था को मजाक बनाने से बचायें राज्यपाल
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्यपाल के हाथों में संवैधानिक व्यवस्था को बचाने की जिम्मेवारी है. बॉम्बे हाइकोर्ट के नागपुर बेंच के निर्णय ने खाली सीट पर उपचुनाव कराने की अवधि पर फैसला सुनाया है. झारखंड की परिस्थिति में अब विधानसभा का कार्यकाल एक साल से भी कम बचा है.
झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज राज्य में दुर्दांत अपराधी, दलाल, बिचौलिये बेखौफ हैं. मुख्यमंत्री लगातार असंवैधानिक कार्य कर रहे हैं. इसलिए पार्टी के विधायक सरफराज अहमद को विधानसभा से इस्तीफा दिलवाकर पत्नी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. उन्हें यह भी पता है कि उनकी पत्नी आरक्षित सीट से विधायक नहीं बन सकतीं. हाइकोर्ट ने यह निर्णय दिया है कि राज्य से बाहर की बहू झारखंड में आरक्षण की सुविधा नहीं ले सकती है. उन्होंने बॉम्बे हाइकोर्ट नागपुर बेंच के उस निर्णय की ओर राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से कोई नयी सरकार बनाने या मुख्यमंत्री बदलने की बात उनके समक्ष आती है, तो उनका आग्रह है कि अटॉर्नी जनरल या बड़े न्यायविद से इस संबंध में सलाह अवश्य लें.
झारखंड में खाली सीट पर नहीं हो सकता उपचुनाव : मरांडी
दुमका में पत्रकारों से बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्यपाल के हाथों में संवैधानिक व्यवस्था को बचाने की जिम्मेवारी है. बॉम्बे हाइकोर्ट के नागपुर बेंच के निर्णय ने खाली सीट पर उपचुनाव कराने की अवधि पर फैसला सुनाया है. झारखंड की परिस्थिति में अब विधानसभा का कार्यकाल एक साल से भी कम बचा है. ऐसे में खाली करायी गयी सीट पर उपचुनाव नहीं कराया जा सकता. ऐसे हालात में राज्यपाल से आग्रह है कि वे संवैधानिक व्यवस्था का मजाक बनने से बचायें.
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