धरती पर जब-जब भी अत्याचार और अन्याय बढ़ता है, तब तब प्रभु का अवतार होता है

जरमुंडी में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन

By Prabhat Khabar News Desk | April 3, 2024 9:58 PM

बासुकिनाथ. तूफानी बजरंगबली समिति मोदी मोड़ जरमुंडी द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ के पांचवें दिन बुधवार को कथा स्थल पर भागवत कथा श्रवण करने वाले भक्तों की भीड़ लगी रही. श्रीधाम वृंदावन के स्तुति जी ने श्रीकृष्ण की बाल लीला का मनोहरी वर्णन किया. श्रीकृष्ण के बाल लीला का वर्णन सुनकर एवं झांकी देख कर उपस्थित श्रोतागण मंत्रमुग्ध होकर झूमने लगे. श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ में कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण बाल लीलाओं का वर्णन किया गया. कथावाचिका स्तुति जी ने कहा कि सदा ही सुख केवल भगवान के चरणों में है. भगवान के सम्मुख और उनके शरणागत होने को ही भागवत कथा है. कहा कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि धरती पर जब-जब भी अत्याचार और अन्याय बढ़ता है, तब तब प्रभु का अवतार होता है. भागवत कथा का श्रवण करने वालों का सदैव कल्याण होता है और मुक्ति मिलती है. भागवत कथा से कल्याणकारी और कोई भी साधन नहीं है इसलिए व्यस्त जीवन से समय निकालकर कथा को आवश्यक महत्व देना चाहिए. भागवत कथा से बडा कोई सत्य नहीं है. भागवत कथा अमृत है इसके श्रवण करने से मनुष्य अमर हो जाता है. यह एक ऐसी औषधि है जिससे जन्म-मरण का रोग मिट जाता है. परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम के द्वारा ही संभव हो सकती है. पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए स्तुति जी ने बताया कि पूतना राक्षसी ने बालकृष्ण को उठा लिया और स्तनपान कराने लगी. श्रीकृष्ण ने स्तनपान करते-करते ही पुतना का वध कर उसका कल्याण किया. माता यशोदा जब भगवान श्री कृष्ण को पूतना के वक्षस्थल से उठाकर लाती है उसके बाद पंचगव्य गाय के गोबर, गोमूत्र से भगवान को स्नान कराती है. सभी को गौ माता की सेवा, गायत्री का जाप और गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए. भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य अमर हो जाता है स्तुति जी ने कहा कि मनुष्य जीवन विषय वस्तुओं को भोगने के लिए नही बना है लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति छोडक़र विषय वस्तुओ को भोगने में लगा हुआ है. भागवत कथा से बडा कोई सत्य नहीं है. भागवत कथा अमृत है इसके श्रवण करने से मनुष्य अमर हो जाता है. यह एक ऐसी औषधि है जिससे जन्म-मरण का रोग मिट जाता है. भागवत कथा को पांचवां वेद कहा गया है जिसे पढ़ सकते हैं और सुन सकते हैं. कथा वाचिका ने कृष्ण के जीवन गाथा का विस्तार पूर्वक विवरण कर भक्तों को कृष्ण के जीवन लीला के बारे में बताया. कथा में बतौर यजमान जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष निशिकांत प्रसाद, प्रभात रंजन, चंचल मोदी व उसकी धर्मपत्नी बने हैं. इस कथा के सफल संचालन में जयप्रकाश कलबलिया, पांचू दास, अक्षय मोदी, रितेश कुमार सिन्हा, चचंल मोदी, नंदकिशोर झा, नकुल मंडल, नरेंद्र मिश्र, गणेश राय, इंद्रमोहन झा, सुबल ठाकुर, दिनेश ठाकुर व भागवत समिति के सहित दर्जनों सदस्य लगे हुए है.

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