वरुथिनी एकादशी पर बासुकिनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी, 30 हजार श्रद्धालुओं ने फौजदारीनाथ की पूजा अर्चना की
बासुकिनाथ मंदिर में पूजा प्रार्थना करते श्रद्धालु
बासुकिनाथ. वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शनिवार को बाबा फौजदारीनाथ दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. वरुथिनी एकादशी पर जल, अन्न, तिल का दान कर भक्तों ने बाबा फौजदारीनाथ की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की. वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पंडितों द्वारा षोडशोपचार विधि से पूजा अर्चना की गयी. करीब 30 हजार शिवभक्तों ने भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. सरकारी पूजा के दौरान पुरोहित द्वारा षोडशोपचार पूजा द्वारा बाबा की विशेष पूजा अर्चना की गयी. सरकारी पूजा के बाद मंदिर गर्भगृह का गेट भक्तों के लिए खोल दिया गया. श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवगंगा में आस्था की डुबकी लगाकर बाबा फौजदारीनाथ की पूजा अर्चना की. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि मान्यता है कि इस एकादशी व्रत के करने से कन्या दान करने के समान फल मिलता है. जो भी सच्चे मन और विश्वास के साथ भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इसके साथ ही भक्तों ने अपने अपने पूर्व मनौतियों को लेकर बच्चों के मुंडन संस्कार, भोलेनाथ व माता पार्वती का गठबंधन, शृंगार पूजन, शांति पूजन, जप अनुष्ठान, महामृत्युंजय मंत्र जप, कालसर्प दोष शांति पूजन सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान नियम निष्ठा पूर्वक संपन्न करवाये. संपूर्ण मंदिर परिसर हर-हर महादेव के नारे से गुंजायमान रहा. गर्भगृह गेट पर श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल लगे रहे. कतारबद्ध होकर भक्तों ने भोलेनाथ पर जल पुष्प अर्पित किया.
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