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बासुकिनाथ में क्यू कॉम्पलेक्स का निर्माण डीपीआर के अनुसार नहीं, कांवरियों को नहीं मिल पा रही सुविधाएं

नहीं बन पाया फुट ओवर ब्रिज,अधूरे निर्माण कार्य कर संवेदक ने किया हैंडओवर

बासुकिनाथ. सावन में बासुकिनाथ लाखों कांवरियां जलार्पण करने पहुंचते हैं, कांवरियों के सुविधार्थ करोड़ों की लागत से बासुकिनाथ में क्यू कॉम्पलेक्स बनाया गया, पर क्यू कॉम्पलेक्स निर्माण डीपीआर के तय मानकों के अनुसार नहीं किया गया. कांवरियों के सुविधार्थ जिस उद्देश्य से इसे बनाया गया वह पूरा हुआ नहीं. फुट ओवर ब्रिज नहीं बनाया गया, क्यू कॉम्पलेक्स से सीधे फुट ओवर ब्रिज संस्कार मंडप की छत पर से मंदिर प्रांगण में लैंड होना था. लेकिन फंड की कमी बता कर संवेदक ने काम पूरा नहीं किया. आधे अधूरे कार्य को पूर्ण बताकर भुगतान प्राप्त कर लिया. 10.78 करोड़ रुपये की लागत से जुडको द्वारा निर्माण कराया गया है. क्यू कॉम्पलेक्स को अधूरे रूप में निर्माण कार्य पूर्ण कर हैंडओवर कर दिया. डीपीआर में फुट ओवर ब्रिज बनाना था जो संस्कार मंडप के उपर से क्यू कॉम्पलेक्स को मंदिर परिसर में लैंडिंग कराना था, ताकि कतारबद्ध कांवरिया क्यू कॉम्पलेक्स से सीधे मंदिर प्रांगण में उतर कर गर्भगृह में भोलेनाथ पर सुगमतापूर्वक जलार्पण कर सके. पर केवल भवन बनाकर संवेदक कार्य पूर्ण बता दिया. करोड़ों की लागत से बने इस भव्य क्यू कॉम्पलेक्स का निर्माण जूडको, रांची द्वारा कराया गया है. कांवरियों को कतारबद्ध तरीके से जलार्पण के लिए ब्रिज के माध्यम से बाबा मंदिर परिसर में उतरने की व्यवस्था इस डीपीआर में बनी है. मंदिर श्रावणी मेले की बैठक में संबंधित संवेदक ने बताया कि संस्कार भवन के ऊपर लोड नहीं दिया जा सकता है, अलग से बनाने के लिए फंड कम पड़ जायेगा. संवेदक ने बताया कि 10.78 करोड़ रुपये के आवंटन में से 9.70 करोड़ रुपये खर्च कर कार्य पूर्ण किया जा चुका है. ज्ञात हो कि क्यू कॉम्पलेक्स से सीधे मंदिर तक पहुंच ओवरब्रिज नहीं बनाया गया तो श्रद्धालुओं को क्यू कॉम्पलेक्स की सुविधाएं नहीं मिल सकेगी. तत्कालीन उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने मंदिर के बैठक संबंधित संवेदक को कार्य पूर्ण कराने का निर्देश दिया था ताकि जिस उद्देश्य से क्यू कॉम्पलेक्स निर्माण हुआ उसकी पूर्ति हो सके. क्यू कॉम्पलेक्स में 20 हजार श्रद्धालुओं के रुकने की क्षमता: बासुकिनाथ में क्यू कॉम्पलेक्स में एक साथ करीब 20 हजार श्रद्धालुओं के रुकने की क्षमता है. क्यू कॉम्पलेक्स को लेकर मंदिर के पंडा, पुरोहित उत्साहित थे. उसे उम्मीद थी कि श्रावणी माह में आनेवाले श्रद्धालुओं की भीड़ का इस क्यू कॉम्पलेक्स से नियंत्रित किया जायेगा. कांवरियों की कतार सीधे मंदिर परिसर में उतरेगी. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. करोड़ों खर्च के बाद भी पूर्व की व्यवस्था बनी हुई है. मंदिर के पंडा-पुरोहितों ने कहा कि सरकारी पैसे का केवल दुरुपयोग हुआ है. श्रावणी मेला में कांवरियों की कतार निर्माणाधीन क्यू कॉम्पलेक्स में लगाई जाती है ताकि कांवरियों की भीड़ को नियंत्रित रखा जा सके. क्यू कॉम्पलेक्स में कांवरियों के लिए विश्राम की व्यवस्था के साथ-साथ पानी, बिजली आदि की सुविधाएं उपलब्ध है. इसमें महिलाएं व पुरुषों की अलग-अलग व्यवस्था है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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