दुमका में बोले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड के मजदूरों से घूमता है देश का आर्थिक पहिया

दुमका : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तीन दिवसीय दौरे पर सोमवार शाम उपराजधानी दुमका पहुंचे. यहां राजभवन में बुद्धिजीवियों के साथ संवाद में श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड मजदूर प्रधान राज्य है. यहां के मजदूरों से ही देश का आर्थिक पहिया घूमता है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 15, 2020 8:44 AM

दुमका : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तीन दिवसीय दौरे पर सोमवार शाम उपराजधानी दुमका पहुंचे. यहां राजभवन में बुद्धिजीवियों के साथ संवाद में श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड मजदूर प्रधान राज्य है. यहां के मजदूरों से ही देश का आर्थिक पहिया घूमता है.

लॉकडाउन के दौरान यहां के मजदूरों को देश में कैसे दुत्कारा-खदेड़ा गया, वह किसी से छिपा नहीं है. उस वक्त झारखंड सरकार अपने मजदूर भाइयों को हवाई जहाज के जरिये वापस ले कर आयी. आज स्थिति यह है कि उन्हीं मजदूरों को छह महीने का एडवांस देकर हवाई जहाज से ले जाया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी भारत सरकार ने पत्र देकर कहा है कि उन्हें 35000 मजदूर चाहिए. उनके लिए ट्रेन भेजने की बात कही है. राज्य सरकार अप्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए मनरेगा के तहत तीन-तीन योजनाएं क्रियान्वित कर रही है. वहीं, शहरी मजदूरों को भी 100 दिनों का रोजगार दिया जा रहा है. रोजगार न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता का भी प्रावधान किया गया है.

सीएम ने कहा कि हमारी सरकार बनते ही कोरोना महामारी ने राज्य को घेर लिया था, पर हमारे सरकारी तंत्र ने सीमित संसाधनों में इसका डट कर मुकाबला किया. अत्यंत पिछड़ा राज्य होने के बावजूद कोरोना काल में झारखंड ने जैसा प्रबंधन दिखाया, वह देश के लिए मिसाल है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए राज्य की खनिज संपदा पर सरकार फिर से सेस लगायेगी. उन्होंने बताया कि कोल ऑक्सन पर राज्य ने एतराज जताया है. केंद्र के साथ जीएसटी को लेकर भी मतभेद हुए. नया अध्यादेश लाकर राज्य में हमने सेस लगाने का निश्चय किया है. संभव है कि इस मुद्दे पर भी केंद्र सरकार से तू-तू-मैं-मैं हो. श्री सोरेन ने कहा कि राज्य में संसाधनों का घोर अभाव है. आमदनी अठन्नी है और खर्च रुपैया है. सही प्रबंधन नहीं होगा, तो केंद्र की तरह राज्य को भी सरकारी संपत्ति बेचनी पड़ेगी. लेकिन राज्य ऐसा नहीं करेगा.

उन्होंने कहा कि राज्य अलग होने के बाद इसकी दशा-दिशा को लेकर कभी ब्लू प्रिंट नहीं बनाया गया, पर अब सबके लिए कार्ययोजना बन चुकी है. जनता थोड़ा वक्त दे, ताकि सारी चीजें धरातल पर उतर सकें. श्री सोरेन ने कहा कि हमने इस राज्य का मुकुट (प्रतीक चिह्न) बदल दिया. पहले और अब के प्रतीक चिह्न में जमीन-आसमान का अंतर है. मुख्यमंत्री ने बताया कि जिले के उपायुक्त को निर्देश दिया गया है कि कोरोना के मद्देनजर हर पंचायत में ऑक्सीजन सिलिंडर और ऑक्सीमीटर की व्यवस्था करायें.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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