दुमका, आनंद कुमार जायसवाल: दुमका की चार साल की मोशिका (काल्पनिक नाम) अब अपने माता-पिता के साथ कुवैत में रहेगी. उसे कुवैत में रहनेवाले निःसंतान दंपती ने गोद लिया है, जो मूल रूप से मुम्बई (महाराष्ट्र) के रहनेवाले हैं. दत्तक ग्रहण संस्थान (एसएए) दुमका के द्वारा दिया गया यह पहला इंटरकंट्री एडोप्शन है. यह दुमका के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला के प्रयासों से संभव हो पाया है. 04 मार्च 2023 को उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रवि शंकर शुक्ला ने इस बच्ची को उसके प्रोस्पेक्टिव एडोप्टिव पैरेंट (पीएपी) को गोद देने का अंतिम आदेश पारित कर दिया था. इसके बाद एसएए के द्वारा मोशिका को रांची ले जाकर उसका पासपोर्ट बनवाया गया.
गोद में मोशिका को लेते ही खिल उठे दंपती के चेहरे
श्री अमड़ा में संचालित दत्तक ग्रहण संस्थान (एसएए) में मंगलवार को बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी, नूतन बाला, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र, एसएए के प्रभारी तारिक अनवर, सामाजिक कार्यकर्ता वहीदा खातून ने एनआरआई दंपती की गोद में बच्ची को सौंप दिया. गोवा की रहनेवाली इस महिला और कन्नड़ मूल के पुरुष ने प्रेम विवाह किया है और दोनों कुवैत में काम करने लगे, पर उन्हें कोई संतान नहीं हुआ. जैसे ही मोशिका उनकी गोद में आयी, वर्षों से बच्चे का इंतजार कर रहे पति-पत्नी की खुशी देखते ही बन रही थी.
कानूनी प्रक्रिया पूरी कर सौंपी गयी बच्ची
गोद देने की प्रक्रिया के साथ ही नये नाम के साथ इस बच्ची का पुनर्जन्म हो गया है. उसे गोद लेनेवाले माता-पिता से उसे वे सभी कानूनी अधिकार मिलेंगे, जैसे किसी बच्चे को उसके जैविक माता-पिता से मिलते हैं. 2018 से अब तक दुमका से दिया गया यह 17वां एडॉप्शन है. इस बच्ची को बाल कल्याण समिति दुमका के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के द्वारा 06.08.22 को एडॉप्शन के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित कर दिया गया था. कुवैत में रहनेवाले इस निःसंतान दंपती ने कारा (सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी) की वेबसाइट में एनआरआई के रूप में निबंधन कराया था. जांच एवं वांछित आवश्यक कागजात के साथ जरूरी प्रक्रिया पूरा करते हुए बच्ची को दंपती को सौंप दिया गया.