Jharkhand news, Dumka news : दुमका : मसलिया प्रखंड अंतर्गत आमगाछी पंचायत के डहालंगी गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है. इस गांव में पहुंचने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है. पक्की सड़क करीब 2 किलोमीटर दूर निझोर गांव में ही खत्म हो जाती है. डहालंगी गांव को खुले में शौच मुक्त गांव की घोषणा साइन बोर्ड लगा कर तो कर दी गयी है, लेकिन गांव पेयजल संकट से वर्षों से गुजर रहा है. ग्रामीणों की समस्या की जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद सोरेन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और डीसी को ट्वीट के माध्यम से किया, जो डीसी ने यथाशीघ्र कार्रवाई का निर्देश दिया है.
डहालंगी गांव में कुल 3 टोला है. मांझी टोला, मारीडीह में 8-8 घर है और कालीटोला में करीब 14 घर. ये सभी टोला आधा किलोमीटर से थोड़ा अधिक दूरी पर अवस्थित है. कालीटोला में आंगनबाड़ी लेकर कुल 3 चापाकल है, जिसमें आंगनबाड़ी का चापाकल खराब है. अमीन सोरेन और गोविंद मरांडी के घर के सामने का चापाकल लगभग डेड हो चला है.
मारीडीह टोला और मांझी टोला में एक भी चापाकल नहीं है. मारीडीह टोला के ग्रामीण अपना प्यास एक जर्जर पुराना कुआं से बुझाते हैं, जिसमें कई पौधे उगे हुए हैं. इस टोला के ग्रामीणों का कहना है कि चापाकल की सुविधा नहीं होने के कारण हमलोगों को कुआं का दूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ता है. इससे बीमारी का खतरा हमेशा बना रहता है.
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि उनके द्वारा चुने गये जनप्रतिनिधि मंत्री, उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री बनते रहे. हर बार चुनाव के समय नेता यह वादा कर जाते हैं कि चुनाव के बाद नया चापाकल इस टोला में लगा दिया जायेगा, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई नहीं आता है और न ही नया चापाकल इस टोला में लगाया जाता है. ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से मारीडीह टोला में नया चापाकल लगवाने की गुहार लगायी है.
ग्रामीण पोखरा के नजदीक डडी बनाये हुए है, उससे ही अपना प्यास बुझाते हैं. डडी का दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं. ग्रामीण यह भी कहते हैं कि बारिश के समय में पोखरा का दूषित पानी डडी में चला जाता है, लेकिन कोई और व्यवस्था नहीं होने के कारण इसी दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं.
कहते हैं कि चुनाव के समय सब नेता यहां आकर फोटो खींच कर ले जाते हैं और बोलते हैं कि चुनाव के बाद इस टोला में नया चापाकल लगा दिया जायेगा, लेकिन जीतने के बाद कोई भी नेता इस टोला में चापाकल नहीं लगवाते हैं. इस टोला के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग कि है कि यहां नया चापाकल लगाया जाये. डहालंगी गांव के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सांसद सुनील सोरेन, डीसी और प्रखंड विकास पदाधिकारी मसलिया को ट्विट कर अपनी पीड़ा से अवगत कराया है.
गांव के छतिस मुर्मू, देवन हांसदा, कलम मुर्मू, सुरेश मुर्मू, कलिशल सोरेन, हेदमा सोरेन, रासमुनी टुडू, बड़का मुर्मू, सहदेव मुर्मू, सुजो किस्कू, पानमुनी मुर्मू, स्नेहलता मुर्मू, रूपलाल सोरेन, रसिक सोरेन, देवीलाल किस्कू, पकुनी किस्कू, लिलमुनी सोरेन, जोहोन किस्कू, निर्मल सोरेन, तिलको टुडू, बबुसोल सोरेन, शांति मुर्मू, सकदी टुडू, सोनामुनी मुर्मू, संजू किस्कू, सुजो किस्कू आदि ग्रामीणों की परेशानियों को सुन कर सामाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद सोरेन ने इस मामले की जानकारी ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और डीसी को दिया. जानकारी प्राप्त होते ही डीसी ने यथाशीघ्र कार्रवाई का निर्देश दिया है.
Posted By : Samir Ranjan.