सरैयाहाट में कोल्ड स्टोरेज हो चुका चालू, किसानों को मिली राहत
4000 मैट्रिक टन आलू-टमाटर समेत अन्य सब्जियों का किसान कर पायेंगे भंडारण
सरैयाहाट. सरैयाहाट व आसपास के किसानों को इस बार आलू व टमाटर समेत अन्य उपज को औने-पौने कीमत में बेचने की विवशता नहीं रहेगी. प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित कोल्ड स्टोरेज अब चालू हो चुका है. कोल्ड स्टोरेज बन जाने से प्रखंड के साथ-साथ अन्य क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ होगा. अपने आलू प्याज टमाटर समेत अन्य फसल को कोल्ड स्टोरेज भवन में सुरक्षित रख पायेंगे. किसानों की फसल सुरक्षित रहेगी. तभी क्षेत्र में कृषि कार्य में और तेजी आयेगी. खासकर आलू के लिए दूसरे राज्य की निर्भरता कम हो जायेगी. कोल्ड स्टोरेज चालू होने के बाद केवल आलू बीज का पिछली बार स्टोर किया गया था. देर से चालू होने के कारण किसान अन्य फसल को नहीं रख सके थे.किसानों को उम्मीद है कि इस साल वे आलू समेत अन्य फसल रखेंगे. कोल्ड स्टोरेज की क्षमता चार हजार मैट्रिक टन है. मालूम हो कि प्रखंड में टमाटर, आलू समेत अन्य सब्जी बृहद पैमाने पर उपजाया जाता है. अब औने-पौने दाम पर नहीं बेचनी पड़ेगी सब्जी कई किसानों ने कहा कि अब हमें औने-पौने दाम में सब्जी नहीं बेचनी पड़ेगी. अपनी फसल को कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रख पायेंगे. भाव बेहतर होने पर ही बाजार में सब्जी भेज देंगे. ऑपरेटर मुन्ना कुमार ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज अब चालू स्थिति में है. पिछले साल किसान महुआ, कुदरूम फसल को रखे थे. पर दुर्भाग्य था कि दो माह पूर्व कोल्ड स्टोरेज के संचालक विजय कुमार की आकस्मिक मौत हो गयी थी. इससे कुछ परेशानी उस वक्त पैदा हो गयी थी. इस साल किसान सभी तरह के फसल रख पायेंगे. क्या कहते हैं किसान कोल्ड स्टोरेज तो चालू हो गया. इस साल अपनी फसल को रखेंगे. फसल बर्बाद नहीं होगी. किसान बड़े पैमाने पर आलू की खेती तो करते थे. सुरक्षित रखते नहीं थे. आलू को लेकर बंगाल पर निर्भरता समाप्त हो जायेगी. अरुण यादव प्रखंड के करीब 25 से 30 हजार किसानों को कोल्ड स्टोरेज चालू होने से फायदा मिलेगा. पहले खेत से ही खासकर आलू को बेच देते थे. घर में रखने से काफी बर्बाद हो जाता था. अब कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रख सकेंगे. फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा. प्रफुल्ल कुमार महतो
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है