Jharkhand news: झारखंड की उपराजधानी दुमका में संचालित झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट में अब तक ग्लाइडर फ्लाइंग की ट्रेनिंग चल रही थी, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब यहां कॉमर्शियल पाइलट की ट्रेनिंग शुरू हो जायेगी. इसकी पहल नागर विमानन विभाग, झारखंड सरकार ने शुरू कर दी है. विभाग के डायरेक्टर कैप्टन एसपी सिन्हा ने कार्ययोजना बनायी है. इसके लिए एक नया ग्लाइडर दुमका लाया जायेगा. इधर, धनबाद और गिरिडीह जिले में भी ग्लाइडर फ्लाइंग की ट्रेनिंग शुरू करा दी जायेगी. दुमका से इसके लिए एक ग्लाइडर धनबाद भेजे जाने की तैयारी है.
बता दें कि दुमका में 13 साल पहले 2008 में उड़ान अकादमी (तब सोना सोबरन उड़ान अकादमी) स्थापित की गयी थी. कुछ दिनों तक चलने के बाद यहां यह संस्थान बंद हो गया था, पर 2015-16 में इसे फिर से नये सिरे से चालू किया गया और इसके लिए यहां आधारभूत संरचना भी विकसित कराये गये हैं.
दुमका में जैसा ग्लाइडर ट्रेनिंग का इंस्टीट्यूट है, वैसा इंस्टीट्यूट आसपास के प्रदेश में नहीं है. ऐसे में इस संस्थान को बेहतर कार्ययोजना के साथ संचालित करायी जायेगी और कॉर्मशियल पाइलट की ट्रेनिंग भी दी जायेगी, तो ग्लाइडर की ट्रेनिंग हासिल करने के बाद कॉमर्शियल पाइलट की ट्रेनिंग के लिए बाहर नहीं जाना होगा. वर्तमान में यहां ग्लाइडर प्रशिक्षण के लिए साइनस 912 यूएल के दो ग्लाइडर उपलब्ध हैं. एक स्टेमी 64आरटीइ मोटर ग्लाइडर अभी रांची में है. ऐसा ग्लाइडर देश में महज तीन ही है.
Also Read: पशु आहार के लिए रोज 100 रुपये देगी सरकार, लावारिस पशुओं के रेस्क्यू के लिए भी मिलेगा वाहनझारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट के दुमका बेस से ग्लाइडर फ्लाइंग की ट्रेनिंग प्राप्त करनेवाले युवाओं की संख्या तो बहुत अच्छी है. 15 से अधिक युवा लाइसेंस हासिल कर चुके हैं. उनमें भी कई ने कॉमर्शियल पाइलट की ट्रेनिंग बाहर से हासिल की है और बड़े जहाजों को आज उड़ा रहे हैं.
झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट एविएशन में कैरियर बनानेवालों के लिए सुनहरा अवसर प्रदान कर रहा है. सपनों की उड़ान नहीं आसमान में उड़ान भरने का सपना उन बच्चों का पूरा हो रहा, जिन्होंने कभी किसी हैलिकॉप्टर या प्लेन तक में चढ़ा तक नहीं था. इसी संस्थान से पहाड़िया आदिम जनजाति वर्ग से आनेवाले जॉनी फ्रेंक पहाड़िया भी ऐसे युवा हैं, जिन्होंने पायलट लाइसेंस आज हासिल कर लिया है.
इस संस्थान में दाखिले के लिए समय-समय पर विज्ञापन निकाला जाता है. 10वीं पास व 17 प्लस आयु वर्गवाले इसमें आवेदन कर सकते हैं. एसटी के लिए जहां शुल्क में 50 फीसदी की रियायत है, वहीं पीटीजी ग्रुप के युवाओं के लिए तो यह प्रशिक्षण पूरी तरह नि:शुल्क है. सामान्य वर्ग को 2250 रुपये प्रति घंटे अथवा कोर्स के 20 घंटे के लिए 50 हजार रुपये का शुल्क वहन करना होता है.
फ्लाइट ऑपरेशन इंचार्ज कैप्टन अभिषेक भारद्वाज कहते हैं कि कोविड की वजह से प्रशिक्षण प्रभावित था, पर यह शुरू हो चुका है. अब जल्द ही कॉमर्शियल पाइलट (सीपीएल) की ट्रेनिंग भी यहां शुरू होनेवाली है. इसके लिए डायरेक्टर कैप्टन एसपी सिन्हा प्रयासरत हैं. अभी जीपीएल यानी ग्लाइडर पाइलट लाइसेंस को लेकर ट्रेनिंग होती है. अपने तरह का यह इकलौता संस्थान है. दुमका के बाद अब धनबाद व गिरिडीह बेस में भी ग्लाइडर पाइलट की ट्रेनिंग की तैयारी है. एक ग्लाइडर इसके लिए यहां से धनबाद भी भेजा जायेगा.
रिपोर्ट: आनंद जायसवाल, दुमका.