dumka news: पूर्व कुलपति डॉ फटिक चंद्र हेंब्रम के निधन पर शोकसभा
एसकेएमयू के पूर्व कुलपति डॉ फटिक चंद्र हेम्ब्रम के असामयिक निधन पर सोमवार को शोक सभा
संवाददाता, दुमका एसकेएमयू के पूर्व कुलपति डॉ फटिक चंद्र हेम्ब्रम के असामयिक निधन पर सोमवार को शोक सभा का आयोजन किया गया. यह सभा कुलपति प्रोफेसर बिमल प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में उनके आवासीय कार्यालय में आयोजित हुई. शोक सभा में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति स्वर्गीय डॉ फटिक चंद्र हेम्ब्रम के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के तमाम पदाधिकारी, विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष और स्नातकोत्तर विभागों के शिक्षक उपस्थित रहे. शोक सभा में उपस्थित शिक्षकों ने स्वर्गीय डॉ फटिक चंद्र हेम्ब्रम के साथ कार्य के अनुभव साझा किए. वक्ताओं ने कहा कि डॉ हेम्ब्रम मृदुभाषी और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे. उनका व्यक्तित्व प्रेरणादायक था और उन्होंने अपने कार्यकाल में विश्वविद्यालय के विकास में अहम भूमिका निभायी. कुलपति प्रोफेसर बिमल प्रसाद सिंह ने शोक प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की. कुलसचिव डॉ राजीव कुमार ने कहा कि डॉ हेम्ब्रम के योगदान को विश्वविद्यालय सदैव स्मरण करेगा. उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की मान्यता प्राप्त हुई थी, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी. डॉ हेम्ब्रम ने 28 जून 2004 को एसकेएमयू के आठवें कुलपति के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था और तीन वर्षों तक इस पद पर अपनी सेवाएं दीं. उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने कई उपलब्धियां हासिल कीं. डॉ फटिक चंद्र हेम्ब्रम का 28 नवंबर को नई दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. उनके निधन से विश्वविद्यालय परिवार में गहरा शोक व्याप्त है. शोक सभा में कुलसचिव डॉ राजीव कुमार, डॉ डीएन गोरांय, डॉ संजीव कुमार सिन्हा, डॉ निलेश, डॉ धनंजय कुमार मिश्रा, डॉ शर्मिला सोरेन, डॉ अजय सिन्हा, अमिता कुमारी, डॉ सुजीत कुमार सोरेन, डॉ अनिल कुमार वर्मा, डॉ संजीव और प्रोफेसर दीपक समेत कई अन्य शिक्षक उपस्थित रहे.
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