आदिवासी बच्चियों को शिक्षित बनाने में स्कूल का योगदान अहम : सांसद
संताल बालिका विद्यालय महारो का मना 113वां स्थापना दिवस, 1911 में नार्वे से आयी अन्ना जॉनसन ने स्थापित किया था विद्यालय
दुमका. जामा प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत महारो स्थित संताल बालिका मध्य सह उच्च विद्यालय का 113वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. इस समारोह में मुख्य अतिथि सांसद नलिन सोरेन व जिला परिषद अध्यक्ष जायस लुप्सी बेसरा उपस्थित थीं. आदिवासी बहुल क्षेत्र में संताली बच्चियों तक शिक्षा की ज्योत पहुंचाने के मकसद से नार्वे की मिशनरी अन्ना जॉनसन ने इस संताल बालिका विद्यालय की स्थापना 2 सितंबर 1911 को की थी. तब से स्कूल इस पिछड़े इलाके में बालिकाओं की शिक्षा के क्षेत्र में लगातार अहम भूमिका निभाता रहा है. समारोह को संबोधित करते हुए सांसद नलिन सोरेन ने विद्यालय के गौरवशाली अतीत पर प्रकाश डाला और कहा कि संस्थान की स्थापना जिस मकसद से किया गया था, वह आज भी पूरा हो रहा है. आज भी वंचित व आदिवासी वर्ग की ज्यादातर बच्चियों को शिक्षित बनाने में संस्थान अहम भूमिका निभा रहा है. यह और भी गौरव की बात है कि विद्यालय की छात्राएं कई बड़े पदों पर भी आसीन हुईं. इस विद्यालय का नाम रोशन किया. जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने भी विद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. समारोह में सेवानिवृत्त शिक्षक-शिक्षिकाओं में सबीना सोरेन, राजकुमार साह, स्नेहलता मरांडी, मदन गोपाल धर, पुष्पा रानी, ग्रीस मुर्मू आदि उपस्थित थे. इससे पूर्व छात्राओं द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया. भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं मैट्रिक परीक्षा में टॉपर विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया, जिसमें अंशु मुर्मू, बिमला कुमारी एवं अन्य शामिल थीं. अतिथियों का स्वागत और विद्यालय की उपलब्धियों पर प्रधानाध्यापिका अनीशा मुर्मू ने अपने विचार रखे.
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