कृषि विकास व प्रदूषण रोकने समेत जनमुद्दों को लेकर बनी आंदोलन की रणनीति संवाददाता, दुमका मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का 12वां जिला सम्मेलन सीताराम येचुरी नगर लोमाई हवेली में रविवार को संपन्न हो गया. इसमें जिला कमेटी का गठन किया गया. 13 सदस्यीय जिला कमेटी में सुभाष हेंब्रम, देवी सिंह पहाड़िया, सनातन देहरी, अखिलेश कुमार झा, जर्मन देहरी, अमरेश कुमार सिन्हा, मंसूर अंसारी, जलाल राय, गोविंद पुजहर, रानी सोरेन, आशा झा, उषा कुमारी, विद्यानंद राय तथा अस्थायी आमंत्रित सदस्य शाहनवाज व धुनाई मरांडी को शामिल किया गया. सुभाष हेंब्रम को दूसरी बार जिला सचिव का दायित्व दिया गया. सम्मेलन में 9,10,11 जनवरी को रांची में होने जा रहे राज्य सम्मेलन में दुमका जिले से भाग लेनेवाले 11 प्रतिनिधि के नाम भी तय कर दिये गये, जिनमें देवी सिंह पहाड़िया, सनातन देहरी, जर्मन देहरी, अखिलेश कुमार झा अमरेश कुमार सिन्हा, गोविंद पुजहर, जलाल राय, रानी सोरेन, आशा झा, उषा कुमारी,राजेश गृही व मंसूर अंसारी शामिल होंगे. समापन सत्र में दुमका जिला प्रभारी व राज्य सचिव मंडल सदस्य एहतेशाम अहमद ने कहा कि दुमका जिले में शाखा को मजबूत करना होगा. एक लंबी लड़ाई विस्थापन, स्थानीय लोगों को रोजगार देने प्रदूषण को रोकने पर्यावरण की सुरक्षा करने और कृषि के विकास के लिए सुदूर पहाड़ी इलाकों में भी पानी की समस्या के लिए लड़नी होगी. तमाम बिंदुओं पर जो टास्क लिया गया है, हमें मजबूती से आनेवाले तीन सालों में इसे पूरा करना है. इतना ही नहीं विधानसभा के लिए भी अभी से तैयारी करनी है. 3200 रुपये प्रति क्विंटल राज्य सरकार दे धान की कीमत : सुरजीज राज्य सचिव मंडल सदस्य सुरजीत सिन्हा ने पार्टी के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए मौजूदा मौजूदा मोदी सरकार के सांप्रदायिकता वाली एजेंडे व किसान मजदूर विरोधी नीतियों पर चर्चा की. कहा कि राज्य में हाल ही में संपन्न हुए विस चुनाव में भाजपा को करारी हार मिली, जबकि इंडिया गठबंधन ने भारी जीत दर्ज की, लेकिन हेमंत सरकार ने घोषणा-पत्र में किसानों के धान की फसल का एमएसपी 3200 रुपये देने की घोषणा की थी. पर खरीद महज 2400 रुपये में करा रही है. किसानों के साथ बड़ा मजाक है. इसके लिए भी हमें एकजुट होकर संघर्ष करना पड़ेगा. आदिम जनजाति आयोग के गठन की मांग की गयी जिला सचिव सुभाष हेंब्रम ने पिछले तीन सालों का राजनीतिक सांगठनिक लेखा-जोखा सम्मेलन में पेश किया, जिस पर 19 प्रतिनिधि ने बहस में हिस्सा लिया. अपनी सांगठनिक कमजोरी को दर्शाते हुए तीन सालों में पार्टी के संघर्ष और संगठन का विकास करने का संकल्प लिया गया. सम्मेलन में महत्वपूर्ण प्रस्ताव लिये गये, जिनमें पहला जिले में आदिम जनजाति संख्या, इसमें सामाजिक राजनीतिक आर्थिक तौर पर गिरावट को देख इनके विकास के लिए आदिम जनजाति आयोग के गठन की मांग की गयी. दूसरा प्रस्ताव दुमका जिला मसानजोर डैम में बाई तरफ कैनाल खोलने की मांग की गयी. तीसरा प्रस्ताव दुमका जिला के अंतर्गत पत्थर व कोयला खदानों से हो रहे विस्थापन रोक लगाने, चौथा प्रस्ताव पचवारा उत्तरी भाग से को कोयला ढुलाई के कारण बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाये जाने, पांचवा प्रस्ताव दुमका रेलवे साइडिंग को अविलंब हटाए जाने तथा दुमका जिले के स्थानीय रैयतों को वर्ग 3 और 4 के पदों पर नियुक्ति करने की मांगें शामिल हैं. इसके लिए फरवरी में दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जायेगा.
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