जेल भेजे गये चेन व पैसे की छिनतई करने वाले बिहार के अपराधी

दुमका जिले के जरमुंडी में बीआरसी मोड़ के पास बाइक सवार जिन दो अपराधियों को पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से धर-दबोचने में सफलता पायी थी, उन दोनों अपराधियों ने अपने दो अन्य सहयोगियों के साथ जसीडीह में 12 फरवरी को महिला की सोने की चेन उड़ायी थी

By Prabhat Khabar News Desk | February 14, 2025 9:00 PM

कार्रवाई. बीआरसी मोड़ के पास ग्रामीणों के सहयोग से पुलिस ने दबोचा थाबैंक में रखते हैं पैसे की निकासी करनेवालों पर नजर

सोने का चैन पहनी महिलाएं भी रहतीं है निशाने पर

संवाददाता, दुमका

दुमका जिले के जरमुंडी में बीआरसी मोड़ के पास बाइक सवार जिन दो अपराधियों को पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से धर-दबोचने में सफलता पायी थी, उन दोनों अपराधियों ने अपने दो अन्य सहयोगियों के साथ जसीडीह में 12 फरवरी को महिला की सोने की चेन उड़ायी थी, जबकि 13 को पहले हंसडीहा में बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में पैसे की निकासी करनेवाले की रेकी करने पहुंचे थे, पर उस समय बैंक में कोई नहीं मिला था. ऐसे में वे लोग रामगढ़ में सीएसपी संचालक को लूट का शिकार बनाने में सफल रहे थे, उससे 50 हजार रुपये छीनने के बाद भागकर जरमुंडी में दूसरी वारदात को अंजाम देकर 50 हजार रुपये की लूट की थी. रामगढ़ वाले 50 हजार रुपये की रकम लेकर दूसरी बाइक में सवार अपराधी लेकर भाग निकले थे, जबकि जसीडीह जाते-जाते इन लोगों ने बैंक से पैसे निकासी कर आ रहे पिता-पुत्र से पैसे छीन लिए थे और भागने के क्रम में सड़क हादसे के बाद पकड़े गये थे.

पुलिस को बताते रहे गलत नाम

पकड़े जाने के बाद भी पुलिस को ये अपराधी अपना गलत नाम ही बताते रहे. रोहन कुमार नाम का अपराधी जो दो बार जेल जा चुका है, वह अपना नाम रूपेश कुमार यादव बता रहा था. सख्ती से पुलिस ने पूछताछ की, तब यह खुलासा हुआ कि वह नाम गलत बता रहा. उसने लंबी पूछताछ के बाद बताया कि उसका असली नाम रोहन है. उसी की जेब से लूट के 50 हजार रुपये बरामद हुए थे. दूसरा अपराधी सुजीत उर्फ सिंटू चार बार जेल की हवा खा चुका है, उसके पास से काले रंग की पर्श में दो सोने की चैन व लॉकेट बरामद हुआ. दोनों सफेद रंग की बाइक में थे. एक साथ बाइक से दो-दो अपराधी वारदात को अंजाम देने पहुंचे थे.

जसीडीह स्टेशन के पास मुसाफिरखाने में डालते हैं पड़ाव

रोहन और सुजीत कटिहार जिले के रहनेवाले हैं. दोनों अगल-बगल गांव के हैं. रोहन रोहतारा गांव का, जबकि सुजीत कोढ़ा थाना क्षेत्र के गेडाबाड़ी का रहनेवाला है. इन लोगों ने दुमका नगर थाना क्षेत्र के तेरह, देवघर के दो, जरमुंडी के एक तथा रामगढ़ थाना के दो कांडों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. ये अपराध को अंजाम देने के बाद जसीडीह पहुंचते हैं. रेलवे स्टेशन के पास किसी मुसाफिरखाना-सराय में रात में रुकते हैं और फिर दूसरे दिन फिर बैंकों में अपना शिकार खोजते हैं या रास्ते में. रास्ते में सोने की चैन पहनी महिलाएं उनका शिकार होती हैं, जबकि बैंकों में निकासी करनेवाले लोग.

कांड को अंजाम देने के बाद बदल लेते हैं सिम

कोढ़ा थाना क्षेत्र के ये अपराधी इसलिए भी शातिर माने जाते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों में बैंक डकैती से लेकर राहगीरों से छिनतई करने में इनका नाम आता रहता है. यहां के अपराधियों को बड़ी ही आसानी से फर्जी नाम पर सिमकार्ड भी उपलब्ध हो जाता है. रुपये या चेन छीननेवाले ये अपराधी कभी हथियार लेकर नहीं चलते और हमेशा दो बाइक का इस्तेमाल करते हैं. किसी से चेन या पैसे छीनने के बाद वे दूसरे बाइक वाले को सामान देकर भेज देते हैं, ताकि पकड़े भी जायें, तो छिनतई उन्होंने की है, यह साबित न हो सके. मोबाइल का सिम बदलना भी पुलिस से बचाव का एक तरीका है.पूछताछ में बताये गये फरार अपराधी भी होंगे गिरफ्त में : एसपी

एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि इन दोनों की गिरफ्तारी से कई खुलासे हुए हैं. गिरोह में कितने लोग हैं और कैसे ये वारदात को अंजाम देते थे. यह सारी बातें सामने आ चुकी है. पुलिस इनके तमाम सहयोगी और साथियों को भी गिरफ्तार करने में लगी हुई है. जल्द ही फरार दोनों अपराधकर्मी भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे. मौके पर एसडीपीओ जरमुंडी अमित कच्छप, जामा के थाना प्रभारी अजीत कुमार व रामगढ़ के थाना प्रभारी मनीष कुमार मौजूद थे.

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