साइबर क्रिमिनल ने पाकुड़ सदर हॉस्पिटल का ID किया हैक, अवैध तरीके से बनाये प्रमाण पत्र होंगे रद्द
Jharkhand Cyber Crime News (पाकुड़) : पाकुड़ सदर हॉस्पिटल में ID हैक कर अवैध तरीके से जन्म प्रमाण पत्र बनाये जाने का मामला सामने आने के बाद पाकुड़ अस्पताल प्रबंधन ने अप्रैल महीने से अब तक बने जन्म प्रमाण पत्र को निरस्त करने का फैसला किया है.
Jharkhand Cyber Crime News (पाकुड़) : झारखंड के पाकुड़ सदर हॉस्पिटल में ID हैक कर अवैध तरीके से जन्म प्रमाण पत्र बनाये जाने का मामला सामने आने के बाद पाकुड़ अस्पताल प्रबंधन ने अप्रैल महीने से अब तक बने जन्म प्रमाण पत्र को निरस्त करने का फैसला किया है. इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसके झा ने बताया कि राज्य में उप रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर से पाकुड़ व दुमका जिले में जितने भी जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत हुए हैं. उन्हें निरस्त करने का आदेश निदेशक सह अपर मुख्य रजिस्ट्रार डॉ माधव द्वारा प्राप्त हुआ है.
क्या है मामला
साइबर क्रिमिनल द्वारा पाकुड़ के सदर हॉस्पिटल का ID हैक कर करीब 40 लोगों का फर्जी हस्ताक्षर करते हुए जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का मामला प्रकाश में आया है. ID को हैक किये जाने से संबंधित शिकायत अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एसके झा ने 17 जुलाई को ही नगर थाना में लिखित आवेदन देकर किया है. मामले को लेकर अब तक थाने में FIR दर्ज नहीं हुई है. अस्पताल अधीक्षक डॉ झा के मुताबिक, लगातार हैकर फर्जी तरीके से पदाधिकारियों के हस्ताक्षर कर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बना रहे हैं.
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस के मुताबिक, अस्पताल उपाधीक्षक द्वारा सदर अस्पताल के आइडी को हैक कर साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी तरीके से जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये जाने मामले की सूचना दी गयी है. पुलिस मामले को लेकर जांच में जुट गयी है टेक्निकल सेल की मदद से साइबर अपराधियों तक पहुंचने का प्रयास पुलिस कर रही है.
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इधर, अपर मुख्य रजिस्ट्रार ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि आरबीडी एक्ट 1969 की धारा 7 (5) में प्रावधान है कि मुख्य रजिस्ट्रार के पूर्व अनुमोदन से रजिस्ट्रार अपनी अधिकारिता के विनिर्दिष्ट क्षेत्रों के संबंध में उप रजिस्ट्रार नियुक्त कर सकेगा. लेकिन, झारखंड के किसी भी निबंधन इकाई में मुख्य रजिस्ट्रार द्वारा उप रजिस्ट्रार नियुक्त करने का अनुमोदन प्रदान नहीं किया गया था. ऐसे में उप रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर से निर्गत प्रमाण-पत्र निरस्त किया जाये.
उल्लेखनीय है कि हाल में ही पाकुड़ व दुमका जिले में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र उप-रजिस्ट्रार के जाली हस्ताक्षर से बनाये जाने का मामला प्रकाश में आया था. इधर, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह में जिले के कुछ प्रज्ञा केंद्र संचालकों की भी संलिप्तता सामने आयी है. उन्होंने बताया कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे उस पर कठोर कार्रवाई की जायेगी.
Posted By : Samir Ranjan.