Loading election data...

झारखंड : साइबर अपराधियों ने धोखाधड़ी का निकाला नया जरिया, पुलिस बनकर आपके अपनों की आवाज के सहारे चुना लगाने की फिराक में

अधिवक्ता रंजन सिन्हा ने पुलिस को बताया कि उनसे कॉल में कहा गया कि उनका बेटा रेप केस में फंस गया है और बेटे को बचाने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 30, 2024 12:52 AM

दुमका : साइबर अपराधी लोगों को ठगने और उनसे पैसा ऐंठने के लिए नित्य नये हथकंडे अपना रहे हैं. देश में बढ़ते साइबर अपराध पर अंकुश लगाना पुलिस के समक्ष एक चुनौती है. उपराजधानी दुमका में 13 मार्च को कुछ ऐसा ही मामला सामने आया. दुमका से जुड़ी इस खबर को सुनकर आप सोचने पर विवश हो जायेंगे कि क्या साइबर अपराधी अब एआइ यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा ले रहे हैं. जिनके बच्चे घर से दूर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं उनको अवश्य ही इसकी जानकारी होनी चाहिए. बता दें कि 13 मार्च को दुमका के अधिवक्ता रंजन सिन्हा के मोबाइल पर व्हाट्सऐप पर कॉल आया. जिस नंबर से कॉल आया उसके डीपी में पुलिस पदाधिकारी तस्वीर लगी थी.

पुलिस बनकर बच्चों के रेप की झूठी खबर से पैसे ऐंठने की कोशिश

अधिवक्ता ने कॉल रिसीव किया और बात करते ही उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी. उन्हें बताया कि उनका बेटा रेप के एक मामले में पुलिस हिरासत में है. वह ग्रुप में शामिल था. इसलिए उसे अलग रखा गया है. मामले को रफा दफा करने के लिए 50 हजार रुपये ऑन लाइन ट्रांजेक्शन करने की बात कही. रुपये नहीं देने पर जेल भेजने और पांच साल के सजा होने की धमकी दी. यह सुन अधिवक्ता को शक हुआ कि रेप के मामले पांच साल से अधिक सजा का प्रावधान है. अधिवक्ता ने फोन काटकर दुर्गापुर में रहकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अपने बेटा के मोबाइल पर कॉल किया, लेकिन किसी कारणवश कॉल रिसीव नहीं हुआ. इस दौरान कथित पुलिस कर्मी ने कई बार कॉल किया.

एआइ से निकाली बच्चे की झूठी आवाज

कॉल रिसीव करते ही सामने वाले ने फोन कॉल नहीं काटने की सख्त हिदायत दी. रंजन सिन्हा ने अपने बेटा से बात कराने को कहा. उधर से बेटा की रोते हुए आवाज आई ” पापा बचा लीजिए, ये लोग बहुत मार रहे हैं.” बेटा की आवाज सुन रंजन और घबरा गए. अपने बड़े भाई को साथ लेकर नगर थाना पहुंचे. तत्कालीन थाना प्रभारी को सारी बात बता कर कथित पुलिस से बात करने के लिए फोन दे दिया. कथित पुलिस का वास्तविक पुलिस से जब सामना हुआ तो कथित पुलिस ने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया. इस बीच रंजन सिन्हा के बेटे ने कॉल कर कहा कि क्लास के समय में कॉल क्यों करते हैं. तब जाकर सारा माजरा स्पष्ट हुआ. जिस नंबर से कॉल आया उसमें पाकिस्तान का कोड 92 लगा हुआ था.

आवाज रिकॉर्ड कर आवाज बनाई

घटना के बाबत रंजन सिन्हा ने बताया कि कुछ दिन पूर्व उनके बेटा के मोबाइल पर जॉब से संबंधित एक कॉल आया था. बातचीत के बाद उसे कहा गया कि अगर इच्छुक है तो यस और अगर नहीं तो नॉट इंटरेस्टेड बोले. आशंका जताई जा रही है कि बेटा के कॉल को रिकॉर्ड कर लिया गया होगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सहारे बेटा के आवाज में उस वक्त रंजन सिन्हा की बात कराई गई, जब उन्होंने अपने बेटा से बात कराने को कहा था. अपनी सूझबूझ से रंजन सिन्हा तो साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसने से बच गए लेकिन आए दिन ना जाने कितने लोग चंगुल में फंसते होंगे.

Next Article

Exit mobile version