दुमका में मिनी सचिवालय स्थापित करने की उठी मांग, विधायक बसंत सोरेन ने सीएम हेमंत सोरेन को सौंपा पत्र
jharkhand news: झारखंड की उपराजधानी दुमका में मिनी सचिवालय स्थापित कराने की मांग उठी है. इस मामले को लेकर दुमका विधायक बसंत सोरेन ने सीएम हेमंत सोरेन को मांग पत्र सौंपा है. साथ ही मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय का सुदृढ़ीकरण करने की भी मांग की गयी है.
Jharkhand news: दुमका के विधायक बसंत सोरेन ने उपराजधानी में मिनी सचिवालय स्थापित कराने की मांग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की है. अपने क्षेत्र के जनमुद्दों को लेकर लगातार राज्य सरकार को आकृष्ट कराते रहे श्री सोरेन ने सोमवार को रांची में मुख्यमंत्री से मिलकर इन विषयों पर बात की तथा लंबे समय से उठ रही मांग के अनुरूप दुमका में मिनी सचिवालय बनवाने की मांग रखी है. उन्होंने यहां मुख्यमंत्री का आवास एवं अन्य संरचनाओं का निर्माण और इंस्टॉलेशन कराये जाने के साथ-साथ पहले से निर्मित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय का सुदृढ़ीकरण कराये जाने का भी अनुरोध किया है.
विधायक बसंत सोरेन ने कहा कि 15 नवंबर, 2000 को राज्य की उपराजधानी दुमका को घोषित किया गया था. 21 सालों के उपरांत यहां बहुत स्थिति नहीं बदली है. दो साल पहले झारखंडी सरकार के गठन से संताल परगना प्रमंडल के निवासियों में आशा एवं उम्मीद जगी है कि इस क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण अब उपराजधानी के स्तर से शीघ्र किया जायेगा.
ऐसे में उपराजधानी दुमका में मिनी सचिवालय स्थापित कराये जाने से तथा मुख्यमंत्री का कैंप कार्यालय सुव्यवस्थित किये जाने से संताल परगना के निवासियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण तो होगा ही, इस क्षेत्र के समुचित व समेकित विकास की गति भी तेज होगा.
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सिद्धेश्वरी नदी के दोनों ओर बनवा दें चार किमी सड़क: नलिन
इधर, शिकारीपाड़ा के विधायक नलिन सोरेन ने अपने विधानसभा क्षेत्र रानीश्वर प्रखंड के बांसकुली पंचायत के मुरगुनी गांव में 1204.36 करोड़ रुपये से प्रस्तावित बराज के निर्माण से पूर्व चार किमी पक्की सड़क निर्माण कराये जाने की मांग सीएम से की है. विधायक नलिन सोरेन ने कहा कि सिद्धेश्वरी नदी की ओर मुरगुनी की तरफ वर्तमान में PWD सड़क से प्रस्तावित बराज स्थल तक दो किमी लंबाई में तथा नदी के पार दायीं ओर बिलकांदी पंचायत के जामजोरी में बराज स्थल से मुख्य सड़क तक दो किमी यानी कुल चार किमी सड़क निर्माण की जरूरत है, ताकि बराज निर्माण में प्रयुक्त होनेवाली सामग्री की ढुलाई हो सके. बराज निर्माण के बाद उसपर अवस्थित पुल से नदी को पार किया जायेगा तथा नदी पार करनेवाले गांवों को जोड़ा जायेगा, तो इस सड़क की उपयोगिता काफी बढ़ जायेगी.
Posted By: Samir Ranjan.