दुमका में डेंगू का कहर, मरीजों की संख्या पहुंची 131, नहीं है प्लेटलेट्स चढ़ाने की सुविधा
फूलो झानो मेडिकल कॉलेज, दुमका अस्पताल या ब्लड बैंक में सेपरेशन मशीन की सुविधा नहीं रहने के कारण डेंगू मरीजों प्लेट लेट चढ़ाने के लिए बाहर रेफर कर दिया जाता है. मरीज व उसके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
दुमका जिले में डेंगू पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. मौसमी बीमारियों के अलावा डेंगू भी तेजी से फैल रहा है. जिले में अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 131 तक पहुंच चुकी है. हाल यह है कि सरकारी और प्राइवेट अस्पताल बुखार के मरीजों से भरे पड़े हैं. फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रतिदिन ओपीडी से इमरजेंसी तक दर्जनों मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं. जांच के बाद प्रतिदिन करीब आधा दर्जन मरीज डेंगू पॉजिटिव मिल रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक 131 पॉजिटिव मरीजों में सदर क्षेत्र के ही 90 हैं. इसके अलावा जामा में 12, शिकारीपाड़ा में 9, मसलिया में 1, काठीकुंड में 6, रामगढ़ में 3, जरमुंडी में 7 और सरैयाहाट के 3 मरीज शामिल हैं. अबतक डेंगू रोग से पीड़ित शिकारीपाड़ा के एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है. अबतक 1063 संदिग्ध मरीजों की जांच हो चुकी है. पीजेएमसीएच में डेंगू के मरीजों के लिए विशेष डेंगू वार्ड बनाये गये हैं. इलाज किया जाता है. वार्ड में ऑक्सीजन, दवा के अलावा अन्य सुविधाएं उपलब्ध है. वर्तमान में पांच डेंगू मरीज भर्ती हैं. प्रतिदिन 45 से 50 मरीजों की डेंगू जांच की जा रही है.
प्लेटलेट चढ़ाने की नहीं है सुविधा
फूलो झानो मेडिकल कॉलेज, दुमका अस्पताल या ब्लड बैंक में सेपरेशन मशीन की सुविधा नहीं रहने के कारण डेंगू मरीजों प्लेटलेट चढ़ाने के लिए बाहर रेफर कर दिया जाता है. मरीज व उसके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिला के सरकारी या निजी अस्पतालों में सेपरेशन मशीन की सुविधा नहीं है. सुपरिटेंडेंट डॉ अनुकरण पूर्ति ने बताया कि डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुराना अस्पताल भवन में 10 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है. चौबीस घंटे निगरानी रखने के लिए चिकित्सक व नर्स की प्रतिनियुक्ति की गयी है.
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