Deoghar road accident : दुमका में एक साथ निकले पांच शव, देख रो पड़े लोग

देवघर हादसा

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2020 9:43 AM

दुमका : मंगलवार की शाम दुमका-देवघर मुख्य पथ एसबीआइ जामा शाखा के समीप इंडिगो कार पर ट्रक के पलटने से दो मासूम समेत छह लोगों की मौत की घटना को लेकर मृतक नेहा कुमारी (26) के पति बिहटा, पटना निवासी अविनाश कुमार के बयान पर जामा थाना में अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है.

प्राथमिकी में ट्रक (डब्ल्यू बी 41 डी 7335) के चालक की लापरवाही के कारण घटना होने की बात कही गयी है. इधर, हादसे के तकरीबन 17 घंटे के बाद शवों को जामा सीएचसी से दुमका लाया गया व पोस्टमार्टम कराया गया. घटना की जानकारी मिलते ही संबंधित परिवारों को जानने-सुननेवालों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं की भीड़ पोस्टमार्टम हाउस के पास उमड़ पड़ी थी.

मिली जानकारी के मुताबिक, देवघर के संत फ्रांसिस में काम करने वाले शांतनु व उनके पूरे परिवार की मौत की खबर सुनकर विद्यालय के उनके कई सहकर्मी दुमका पहुंचे थे. बुधवार को पुलिस अधीक्षक अम्बर लकड़ा ने घटनास्थल का निरीक्षण किया.

मौके पर मौजूद जामा थाना प्रभारी कृष्णा राम को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अंचलाधिकारी से संपर्क कर सड़क पर बने जानलेवा गड्ढों को अविलंब भरवाने का निर्देश दिया.

सड़क हादसे में छह में से एक ही परिवार के जिन पांच लोगों की मौत हुई थी, उन सभी के शवों को बुधवार की दोपहर पोस्टमार्टम कराने के बाद खूटाबांध मत्स्य विभाग के कार्यालय के बगल में रहने वाले संजीव कुमार के आवास में लाया गया था. यहां से सभी शवों को एक साथ पुन: विजयपुर मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. एक साथ इतने शवों को देख सबका कलेजा फट रहा था. किसी की आंखों के आंसू सूख रहे थे. चित्कार से माहौल गमगीन था.

मंगलवार की शाम मां को लेकर दुमका से निकले थे शांतनु, बुधवार की शाम वहीं हुआ अंतिम संस्कार : देवघर के सलौनाटांड़ में रह रहे शांतनु सिंह अपनी मां, बहन, भांजे-भांजी को लेकर इसी घर से मंगलवार की शाम पांच बजे के करीब निकले थे.

शांतनु के जिगरी दोस्तों में एक रवि, जो भागलपुर के रहने वाले थे, वहीं कार चला रहे थे. कार दुमका में रहने वाले शांतुन के मौसे भाई संजीव की ही थी, जिनके घर से वे लोग लौट रहे थे कि यमराज बनकर एक ट्रक अनियंत्रित होकर उसी कार पर आ पलटा. हादसे ने न तो इन्हें सम्हलने का मौका दिया, न निकलने का. लगभग 45 मिनट तक सभी दबे रह गये थे. बाद में क्रन मंगवाकर ट्रक हटवाया गया, तो सारे जान गंवा चुके थे.

posted by : sameer oraon

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