झारखंड: अब दुधिया रोशनी से रोशन नहीं रहता देवघर-बासुकिनाथ मार्ग, स्ट्रीट लाइट व पोल हो गये गायब
देवघर से बासुकिनाथ के बीच चोपामोड़, तालझारी, त्रिकुट, तीरनगर के आसपास जहां छिटपुट संख्या में पोल से एलइडी लाइट गायब हुए हैं, वहीं सहारा के आसपास ही तकरीबन सौ से अधिक पोल से स्ट्रीट लाइट गायब हो गयी है. कई जगह पर पोल झुक गये हैं, तो कई जगह से गायब भी.
दुमका: देवघर से बासुकीनाथ तक छह साल पहले 2017 में कांवरियों व इस मार्ग पर आने-जानेवाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 44 किमी मार्ग में 500 से अधिक सोलर स्ट्रीट लाइट लगवायी गयी थी. इससे पूरा मार्ग दुधिया रोशनी से शाम ढलते ही जगमग हो उठता था. धीरे-धीरे कई एलइडी स्ट्रीट लाइट गायब हुई. अब असामाजिक तत्वों की नजर टेढ़े-मेढ़े और झुके हुए पोल पर है. दुमका जिले की सीमा से लेकर बासुकिनाथ तक 240 पोल से एलइडी स्ट्रीट लाइट गायब हो चुकी है. बीच-बीच में बड़ी संख्या में पोल भी गायब हो चुके हैं.
सबसे खराब स्थिति सहारा के आसपास
देवघर से बासुकिनाथ के बीच चोपामोड़, तालझारी, त्रिकुट, तीरनगर के आसपास जहां छिटपुट संख्या में पोल से एलइडी लाइट गायब हुए हैं, वहीं सहारा के आसपास ही तकरीबन सौ से अधिक पोल से स्ट्रीट लाइट गायब हो गयी है. कई जगह पर पोल झुक गये हैं, तो कई जगह से गायब भी. शाम ढलते ही यह मार्ग अब रौशन भी नहीं रहता. जिन जगहों पर आबादी नही है, वहां एलइडी स्ट्रीट लाइट के साथ-साथ पोल भी गायब ज्यादा हुए हैं.
कई पोल के नीचे बॉक्स में दिखते हैं नंगे तार
इस मार्ग पर लगाये गये स्ट्रीट लाइट्स में करंट का प्रवाह सौर उर्जा से होता था. इसके लिए जरदाहा के आसपास प्लांट भी लगाया गया था. हर पोल के नीचे बॉक्स भी लगाया गया है, जिससे तार जोड़कर लाइट में कनेक्शन किया गया है. बॉक्स के खुला रहने से भी हादसे की आशंका बनी रहती है.
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विभागीय जांच कराने की बात आयी सामने
इधर, विभागीय सूत्रों से जानकारी के अनुसार ज्रेडा ने एक टीम भेजकर देवघर-जसीडीह व देवघर-बासुकिनाथ मार्ग पर स्थित 1200 पोलों की स्थल जांच शुरू करायी है. टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर ज्रेडा की टेक्निकल विंग अगले 10-15 दिनों में सोलर स्ट्रीट लाइट की प्लेट, पोल व केबल की मरम्मत करवाकर चालू करवायेगी.
कहते हैं पदाधिकारी
ज्रेडा के प्रोजेक्ट डाइरेक्टर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. कई जगह केबल जल गये हैं. कई जगह पोल भी तोड़ दिया गया है. टीम भेजकर 31 मार्च के बाद उस मार्ग में लाइटों की मरम्मत करवा कर सोलर लाइट जला कर मार्ग को रोशन कर दिया जायेगा.