दुमका. दुमका के मयुराक्षी नदी के तट पर अवस्थित श्मशान घाट मुक्तिधाम में निर्मित शवदाह गृह को अब तक चालू नहीं किया जा सका है. दुमका में लंबे समय से उठ रही मांग पर नगर परिषद प्रशासन ने शवदाह गृह बनवाने का निश्चय किया. इस शवदाह गृह का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है. बताया जा रहा है कि नगर परिषद प्रशासन को शवदाह गृह को हैंडओवर भी किया जा चुका है. अब इसके संचालन के लिए ऐसी संस्था की तलाश की जा रही है, जो इसका संचालन व रख-रखाव करने की इच्छा रखती है. वर्तमान में यहां लकड़ी से ही शवदाह किया जाता है. इलाके में शव जलाने के लिए लकड़ी की पर्याप्त उपलब्धता न होने से अक्सर शव दाह करने के लिए पहुंचने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. अभी जो शवदाह गृह बनवाया गया है, उसको संचालित करने के लिए एलपीजी गैस सिलिंडर का इस्तेमाल होना है. इसके लिए संबंधित एजेंसी द्वारा डेढ़ दर्जन कॉमर्शियल गैस सिलिंडर भी उपलब्ध कराया गया है. सुविधाओं की कमी की वजह से भागलपुर, तारापीठ या बह्मपुर जाते हैं लोग : दुमका के विजयपुर स्थित मुक्तिधाम में पर्याप्त साफ-सफाई और सुविधाएं न होने की वजह से दाह संस्कार के लिए अब भी लोग भागलपुर के बरारी गंगाघाट, बंगाल के तारापीठ या बह्मपुर जाते हैं. भागलपुर के बरारी व बंगाल के बरहमपुर में विद्युत शवदाह गृह है. वहां के गंगा घाट में सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. लकड़ी से शव दाह करनेवालों को भी वहां परेशानी नहीं होती है. पर दुमका के विजयपुर मुक्तिधाम में समुचित साफ-सफाई का भी अभाव दिखता है. पौने तीन करोड़ से हुआ है शव दाह गृह का निर्माण : विजयपुर मुक्तिधाम में जो शवदाह गृह तैयार हुआ है, वह लगभग पौने तीन करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है. इसमें विद्युत शव दाह गृह के अलावा अन्य आवश्यक कमरे भी बनवाये गये हैं. डीजी जेनरेटर भी लगवाया गया है. परिसर में स्ट्रीट लाइट आदि भी लगवाया गया है. हालांकि कार्य की गुणवत्ता को लेकर भी कई बार सवाल उठाये गये थे. दरअसल बनने के बाद ही कई जगह पर मामूली टूट-फूट भी दिखने लगा था. ================ विजयपुर मुक्तिधाम में शवदाह गृह को बहुत जल्द चालू कराने की पहल की जाएगी. इसके लिए किसी एजेंसी या एनजीओ को चयनित कर उन्हें संचालन का जिम्मा सौंपा जाएगा. – शीतांशु खलको, नगर प्रशासक, दुमका नगर परिषद.
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