आद्रा नक्षत्र में मंदिर पुजारी ने बाबा फौजदारीनाथ की विशेष पूजा अर्चना की, भक्तों की लगी भीड़

खीर व आम का भोग लगाकर भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया

By Prabhat Khabar News Desk | July 6, 2024 9:17 PM

बासुकिनाथ. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शनिवार को वर्षो से चली आ रही परंपरा के अनुसार आद्रा नक्षत्र में मंदिर गर्भगृह में बाबा फौजदारीनाथ की विशेष पूजा अर्चना की गयी. पुजारी डब्लू झा के द्वारा आद्रा नक्षत्र की समाप्ति पर नागों के देवता बाबा फौजदारीनाथ की पूजा अर्चना की गयी. विधि विधानपूर्वक भोलेनाथ एवं मैया पार्वती के पूजन उपरांत पका कटहल, आम, दूध, लावा, पान, सुपारी आदि का भोग लगाया गया. आद्रा नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश के दौरान भगवान शिव व भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. बासुकिनाथ मंदिर में साल में एक बार आषाढ़ माह में आद्रा पूजा होती है. भगवान को खीर व आम का भोग लगाकर खाने की परंपरा रही है. परंपरागत तरीके से माता पार्वती, माता काली सहित अन्य देवी-देवताओं की भी पूजा की गयी. माता पार्वती, माता काली, काल भैरव देवता की विशेष पूजा की गयी. परंपरा के अनुसार मंदिर प्रांगण में बलि पूजा के दौरान बाबा एवं पार्वती मंदिर का पट बंद कर दिया गया. वहीं, बाबा बासुकिनाथ मंदिर परिसर में बलि प्रदान होने के साथ ही पंद्रह दिन से किसी भी देवी-देवताओं के समक्ष बलि चढ़ाने पर लगा प्रतिबंध समाप्त हो गया. ग्रामीण क्षेत्र से श्रद्धालु पूजा करने के लिए पहुंचे थे. मंदिर के पुजारी के अनुसार किसान अच्छी खेती के लिए भगवान को प्रसाद चढ़ा कर मन्नत मांगने की यह प्राचीन परंपरा है. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि यह पूजा ग्रहों के प्रभाव को शांत करके पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन में सद्भाव और समृद्धि लाती है. आद्रा नक्षत्र देवता रुद्र से जुड़ा है, जो भगवान शिव का एक उग्र रूप है, और ये व्यक्तियों को बाधाओं पर नियंत्रण पाने में सहायता करता है, आद्रा नक्षत्र में विशेष पूजा भगवान शिव को प्रसन्न करती है और भक्तों के जीवन की सभी बाधाएं दूर करती है. मौके पर मंदिर पुजारी, मंदिर गार्ड सहित प्रबंधन के कर्मी मौजूद थे.

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