रामगढ़. औडतारा स्थित नाग मंदिर सहित रामगढ़ प्रखंड के विभिन्न गांवों में अवस्थित नाग मंदिरों एवं नाग स्थानों में शनिवार से 15 दिवसीय वार्षिक नाग पूजा प्रारंभ हुई. पूजा का प्रारंभ पनढार से हुआ. माना जाता है कि आज के दिन वर्षा अवश्य होती है. आज के दिन स्थानीय किसान मिट्टी की खुदाई नहीं करते.यहां तक की आज के दिन हल भी नहीं जोती जाती है. वार्षिक नाग पूजा पूरे पंद्रह दिनों तक चलती है.इस दौरान पूरे क्षेत्र में बलि पर पूरी तरह से रोक रहती है. आगामी पंद्रह दिनों तक मांसाहार बंद हो जाता है.इस दौरान मांस,मछली,मुर्गे आदि की दुकानें बंद रहती हैं. पनढार के पंद्रहवें दिन सभी नाग मंदिरों में मेला लगता है. नाग मंदिरों में बकरे, कबूतर आदि की बलि भी दी जाती है.भक्त एवं श्रद्धालु बांस की डाली में धान का लावा, बताशा, धान,जनेऊ तथा आम का प्रसाद नाग देवता को समर्पित करते हैं. रामगढ़ प्रखंड में और तारा के अलावा सुहो- दुहो में नाग मंदिर है. जबकि गम्हरिया हाट, फुल जोरा, डुमरजोर, सेजा पहाड़ी, कपाटी, लौढिया जैसे दर्जनों गांवों में नाग स्थान हैं. लोक मान्यता है कि इन नाग मंदिरों एवं नाग स्थानों में सर्पदंश से पीड़ित व्यक्तियों को ले जाने पर उनकी प्राण रक्षा हो जाती है. यहां के पुजारी नाग देवता का नीर पिलाकर उन्हें सर्प विष के प्रभाव से मुक्त कर देते हैं.
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