दुमका लिटरेचर फेस्टिवल: ‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’ के जरिए बॉलीवुड अभिनेता ने दिया कामयाबी का मंत्र
पीयूष मिश्रा ने कहा कि मुझे लिखने का शौक था. एक्टिंग का भी शौक था. जब भी मेरा मन किसी कार्य को करने का किया, मैंने किया. जीवन में बाधाएं आती रहती हैं, पर कुछ समय तक ही. अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते रहिए, एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी.
दुमका, आनंद जायसवाल. राजकीय पुस्तकालय साहित्य महोत्सव के दूसरे दिन के छठे सत्र में रविवार को अभिनेता, निर्देशक, गायक, गीतकार, पटकथा लेखक पीयूष मिश्रा ने ‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’ विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा की. पीयूष मिश्रा का पालन-पोषण ग्वालियर में हुआ और 1986 में उन्होंने दिल्ली स्थित नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने मकबूल, गुलाल, गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फ़िल्मों में गाने गाये हैं. इस सत्र में जीशान कादरी मॉडरेटर के रूप में उपस्थित थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जीवन में बाधाएं आती हैं, लेकिन ठान लीजिए तो एक दिन सफलता जरूर मिलेगी.
क्रांति के लिए खुद को मजबूत करना जरूरी
इस सत्र के दौरान पीयूष मिश्रा ने अपनी पुस्तक से जुड़ी जानकारी उपस्थित लोगों से साझा की. इसमें उन्होंने कहा कि अपने बारे में उन्होंने कई कहानियां लिखी हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लिखने का शौक था. एक्टिंग का भी शौक था. जब भी मेरा मन किसी कार्य को करने का किया, मैंने किया. जीवन में बाधाएं आती रहती हैं, पर कुछ समय तक ही. अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते रहिए, एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी. रिवोल्यूशन के लिए पहले खुद को सशक्त करना पड़ेगा, इसलिए अपने आप को मजबूत करें ताकि दूसरों की मदद कर सकें.
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तरक्की के लिए निकलना होगा घर से बाहर
पीयूष मिश्रा ने कहा कि बचपन से ही उनके अंदर एक्टर बनने का जुनून सवार था. समाज परिवार ने मुझे एक साधारण जीवन जीने के लिए कई सारी सलाह दी, पर मैं अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्प पर था. मैंने हर अभिनेता एवं हर डायरेक्टर के साथ एडजस्ट करके काम किया. सभी के साथ घुलने-मिलने की आदत है मुझ में. अगर आप विनम्रता से बात करेंगे तो लोग आपको रिगार्ड करेंगे. एरोगेंस आपको गलत रास्ते पर ले जा सकती है. जीवन में तरक्की करने के लिए आपको अपने घर से बाहर निकलना पड़ेगा. बड़ी परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा. तभी आप मजबूत बनेंगे और अपने जीवन में आगे बढ़ते जाएंगे.