छात्र समन्वय समिति ने निकाली जन आक्रोश महारैली, सीएम व पाकुड़ पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर की नारेबाजी
हमलोगों ने रैली विवश होकर निकाली. जिस प्रकार केकेएम कॉलेज पाकुड़ के छात्रावास में आधी रात को पुलिस ने घुसकर छात्रों को पीटकर घायल कर
दुमका. छात्र समन्वय समिति के बैनर तले शनिवार को छात्र-छात्राओं ने शहर में एसपी कॉलेज से जन आक्रोश महारैली निकाली. रैली में छात्र-छात्रायें ने अपने हाथों में तीर-धनुष, लाठी-डंडा, हॉकी स्टीक सहित अन्य पारंपरिक हथियार लेकर नजर आये. रैली में बाेरियो के पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम मौजूद थे. जबकि रैली का नेतृत्व छात्र नेता श्यामदेव हेंब्रम कर रहे थे. रैली में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व पाकुड़ पुलिस प्रशासन के खिलाफ छात्र-छात्राओं ने जमकर नारेबाजी की. नगर भ्रमण करते हुए रैली आयुक्त कार्यालय पहुंचकर सभा में तब्दील हो गयी. पूर्व विधायक श्री हेंब्रम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमलोगों ने रैली विवश होकर निकाली. जिस प्रकार केकेएम कॉलेज पाकुड़ के छात्रावास में आधी रात को पुलिस ने घुसकर छात्रों को पीटकर घायल कर दिया. उस पर राज्य के मुखिया हेमंत सोरेन चुप्पी साधे हुए है. ऐसे में समिति ने विवश होकर जन आक्रोश महारैली निकाली है. पूर्व विधायक हेंब्रम ने कहा कि रांची में जाकर डीजीपी से मुलाकात कर दोषी पुलिस पर कार्रवाई करने की बात कही थी, लेकिन दोषी पुलिस वालों को महज लाइन हाजिर किया गया. जिस प्रकार से पुलिस ने छात्रों को मारा है. तो पुलिस पर केस होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ जिस प्रकार आदिवासी के हक व अधिकार का हनन कर रही है. पर सरकार के पास कानून रहते हुए भी उसपर अमल नहीं हो रहा है. यह सरकार बांग्लादेशी घुसपैठ को एक वोट बैंक बनाकर अपने तरीके से उपयोग में ला रही है. इसीलिए सरकार बांग्लादेशी घुसपैठ पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. यदि सरजमीन पर जाकर देखे, तो सच में आदिवासी की जमीन बांग्लादेशी हड़प रहे है. वे लोग आदिवासी से शादी कर उनके अधिकार को छीन रहे है. केवल पाकुड़ में ही नहीं सभी जिला में बांग्लादेशी घुसपैठ जारी है. इसीलिए आज आदिवासी को जागरूक होकर अपने अधिकार के लिए लड़ने की आवश्यकता है. इस दौरान समिति ने राष्ट्रपति के नाम आयुक्त को आठ सूत्री मांग पत्र सौंपा. छात्रनेता श्यामदेव हेंब्रम ने मांग पत्र के माध्यम से बताया कि छात्रों के साथ मारपीट में शामिल 150 पुलिस वालों की पहचान कर अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत केस दर्ज करे. मांगों में बांग्लादेशी व विदेशी व्यक्तियों को चिह्नित कर नजरबंद करने की व्यवस्था करने, भारत के अन्य राज्य के मूल निवासियों द्वारा दानपत्र से ली गयी जमीन में रहने वाले लोगों को चिह्नित कर किसी भी लाभ लेने से रोक लगाने की व्यवस्था करने, आदिवासियों की घटती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए बाहर के मूल निवासी को अलग से गणना निर्धारित करने, संप क्षेत्र में बाहरी लोगों को स्थानीयता दिलाने में प्रयासरत सरकारी कर्मियों को चिह्नित कर सरकारी पदों से मुक्त करने, मारपीट में घायल छात्रों को प्रति व्यक्ति दो लाख का भुगतान करने व बे-बुनियाद आरोप लगाकर छात्रों पर दर्ज मुकदमा को निरस्त करने के लिए समुचित कार्रवाई करने तथा केकेएम कॉलेज पाकुड़ में छात्रों पर जानलेवा हमला पर उच्च स्तरीय सीबीआइ जांच करने की मांग शामिल है. मौके पर रवि हांसदा, राजीव बास्की, राजेंद्र मुर्मू, सुमेश मुर्मू, अमित बास्की, रफायल मुर्मू, राजेश बास्की, केराप किशोर मुर्मू, दिनेश टुडू आदि मौजूद थे.
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