दुमका सांसद सुनिल सोरेन ने की नोनीहाट में थाने मांग, डीजीपी को लिखा पत्र

नोनीहाट में कृषि उत्पादित सामानों की उपज और बिक्री भी बड़े पैमाने पर होती है, लिहाजा लोगों को भी सुरक्षा की आवश्यकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2024 5:41 AM

दुमका : सामाजिक कार्यकर्ता राजेश कुमार सिंह तथा नोनीहाट के लोगों द्वारा लगातार उठायी जा रही मांग के बाद अब दुमका के सांसद सुनील सोरेन ने राज्य के डीजीपी को पत्र लिखकर नोनीहाट में नया थाना स्थापित करने का आग्रह किया है. सांसद ने अपने पत्र में लिखा है कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई बार लोगों ने जिला के जरमुंडी प्रखंड के नोनीहाट में थाना स्थापित करने के लिए ज्ञापन दिया है. दरअसल, दुमका जिला के नोनीहाट में तीन प्रखंड सरैयाहाट, रामगढ़ और जरमुंडी के लोगों का आना-जाना लगा रहता है. भागलपुर- बासुकिनाथ कांवरिया पथ में नोनीहाट स्थित है, जहां सावन माह सहित सालों भर यहां कांवरियों का आना-जाना लगा रहता है. दुमका से हंसडीहा तक की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है, उस बीच एक भी थाना नहीं है. हाल के दिनों में नोनीहाट और अगल-बगल के इलाकों में आपराधिक गतिविधियां भी बढ़ी है. अगर व्यवसायिक दृष्टिकोण की बात करें तो नोनीहाट में कृषि उत्पादित सामानों की उपज और बिक्री भी बड़े पैमाने पर होती है, लिहाजा लोगों को भी सुरक्षा की आवश्यकता है. ऐसे में उनका आग्रह है कि दुमका जिले के नोनीहाट में नया थाना स्थापित करने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जाये.

जनभागीदारी से ही ओबीसी मोर्चा की लड़ाई होगी धारदार

पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा का प्रमंडलस्तरीय वनभोज सह मिलन समारोह शिकारीपाड़ा के गमरा पुल के पास केंद्रीय अध्यक्ष असीम मंडल के नेतृत्व में आयोजित किया गया. अध्यक्षता अनाथ मल्लिक ने की. संचालन केंद्रीय प्रधान महासचिव अमरेंद्र कुमार यादव ने किया. मोर्चा की ओर से इस दौरान पिछड़ा वर्ग को एकजुट होकर अपने अधिकार के लिए संघर्षशील होने का आह्वान किया गया. केंद्रीय अध्यक्ष असीम मंडल ने कहा दुमका जिले में झारखंड गठन के बाद पिछड़ों का आरक्षण शून्य कर दिया गया है. विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप नहीं मिल रहा है. ओबीसी की लड़ाई को धारदार बनाना है, जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी तय होनी चाहिए. प्रधान महासचिव अमरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए पिछड़ा वर्ग को आबादी के अनुरूप आरक्षण मिलनी चाहिए. बिहार की तर्ज पर जातिगत जनगणना अविलंब करानी चाहिए. पहले आरक्षण 27 प्रतिशत मिलता था. अब शून्य कर दिया है. आपसी मतभेद को भुला कर नये सिरे से संगठित होने की आवश्यकता है. प्रो शंभू सिंह ने कहा कि सफलता के लिए शिक्षा आवश्यक है. संगठित होकर आंदोलन करने से सरकार को पिछड़ों की मांग को माननी पड़ेगी. विनोद शर्मा ने कहा कि आरक्षण पिछड़ों का संवैधानिक अधिकार है. 90 के दशक में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के अथक प्रयास से ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिला था. शिवनारायण दर्वे ने कहा कि अधिकार लेने के वृहद जनजागरुकता अभियान की आवश्यकता है. दुमका में पिछड़ों वर्ग के लिए हॉस्टल की व्यवस्था नहीं है. जिससे गरीब छात्रों को पढ़ने में काफी समस्या होती है. कहा कि प्रत्येक पंचायत में हाई स्कूल और प्रखंडों में डिग्री कॉलेज का निर्माण कराया जाना चाहिए. कोषाध्यक्ष अजित मांझी ने कहा कि आंदोलन को सफल बनाने के जनभागीदारी और बढ़ानी होगी. सरकार को जल्द पंचायत कोई इकाई मानकर अनुसूचित क्षेत्र का निर्धारण करते हुए सभी एकल पदों पर आरक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए. विष्णु मांझी, मदन गुप्ता आदि ने दल गत भावना से ऊपर उठने की जरूरत पर बल दिया. कार्यक्रम को बिहारी यादव, पूर्व मुखिया प्रमोद मंडल, जयकांत कुमार, घनश्याम लायक, पवित्र कुमार मंडल, नारायण बैध, सुबोध मंडल, प्रदीप चंद्र मंडल, हिमांशु मल्लिक, मृत्युंजय पंजियारा, अमित पांगीयारा, जयप्रकाश पंजियारा, प्रफुल्ल मांझी, फटिक चंद्र गोराई, आनंद मल्लिक, मंगल मंडल आदि लोगों ने संबोधित किया. मौके पर अरुण पंजियारा, शंकर यादव, जगबंधु मंडल, जियाधर मंडल, रूपेश मांझी, शांति देवी, मालती देवी, रंजू देवी, नमिता देवी, निरंजन मलिक, तारकेश्वर राय, अरुण गोराई, मल्लिका कुमारी, कुसुम कुमारी, सरस्वती देवी, राधिका कुमारी, दीप्ति कुमारी, जमुना देवी आदि मौजूद थे.

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