दुमका : दुमका के श्रीअमड़ा में जिस आदिवासी गर्भवती किशोरी का पेड़ पर फंदे से झूलता शव मिला था, उस मामले के अनुसंधानकर्ता बदल दिये गये हैं. अब इस केस का अनुसंधान सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) नूर मुस्तफा अंसारी नहीं, बल्कि डीएसपी हेडक्वार्टर विजय कुमार करेंगे. मामले में आरोपी अरमान अंसारी था और किशोरी आदिवासी थी, लिहाजा केस एसटी-एससी एक्ट से जुड़ा था.
जिले में ऐसे मामले के अनुसंधानकर्ता सदर एसडीपीओ ही होते हैं. पर इस केस के अनुसंधानकर्ता बदल दिये गये हैं. बता दें कि इससे पहले पेट्रोल डालकर किशोरी की दुमका में ही हुई हत्या मामले में एसडीपीओ नूर मुस्तफा काे लेकर काफी विरोध हुआ था. उस मामले में एसआइटी गठित की गयी थी.
इस दूसरे मामले की वैज्ञानिक तरीके से जांच के लिए डीआइजी सुदर्शन प्रसाद मंडल द्वारा एसपी अंबर लकड़ा के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया है. डीआइजी सुदर्शन प्रसाद मंडल के मुताबिक 5 सितंबर को हाईकोर्ट के एक मामले में तथा 9 सितंबर को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में पेशी के लिए एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी गये हुए हैं. उन्होंने आवेदन दिया था, लिहाजा उन्हें इस केस से हटाया गया है.
आदिवासी किशोरी का यौन शोषण व उसकी हत्या के मामले में अब आरोपी अरमान अंसारी को भी पुलिस रिमांड पर लेगी. अरमान को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस कोर्ट में अनुरोध करेगी. रिमांड पर लेने के बाद अरमान से पूछताछ के बाद पुलिस यह जानकारी जुटा पायेगी कि आदिवासी किशोरी की मौत कैसेे हुई. उन दोनों में कैसा संबंध था.