बासुकिनाथ : कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के हित में कृषि से संबंधित विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. कहा कि बाघ और जंगल का जो संबंध है, वही नेता व जनता का होना चाहिए. किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में परंपरागत खेती के साथ आधुनिक तकनीकों का उपयोग अवश्य करें. इससे लागत कम आयेगी और आय बढ़ेगी. उन्होंने कृषि विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी एवं योजनाओं का लाभ लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बेहतर क़ृषि उपज एवं आय के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग अवश्य करें. सरकार किसानों की सुविधा के लिए विभिन्न योजनाओं के साथ लगातार बेहतर कदम उठा रही है. सरकार को किसानों की परेशानियों का अहसास है और सरकार समस्याओं को दूर करने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार गरीबों के लिए बनी है राज्य सरकार जो भी योजनाएं लाती है, आप सभी उसका भरपूर लाभ उठाये. मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी कमल कुमार कुजूर, प्रखंड प्रमुख बंसती टुडू, प्रखंड विकास पदाधिकारी नीलम कुमारी, अंचलाधिकारी आशुतोष ओझा, नपं प्रशासक आशीष कुमार, परियोजना निदेशक संजय कुमार मंडल, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी गौतम कुमार, भूमि संरक्षण पदाधिकारी शिव कुमार, सहायक मिट्टी रासायनज्ञ मृत्युंजय कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी उज्ज्वल दे, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक मिथिलेश कुमार, प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष सत्यनारायण यादव आदि मौजूद थे. कार्यक्रम स्थल पर कृषि, मत्स्य, गव्य विभाग का अलग अलग स्टॉल भी लगाया गया था. कृषि मंत्री का प्रखंड परिसर में भव्य स्वागत किया गया.
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख द्वारा 800 लाभुकों के बीच 3100 किलोग्राम मक्का व सरसों बीज का वितरण किया गया. 25 क्विंटल मक्का का बीज, 6 क्विंटल सरसों का बीज, आत्मा द्वारा कृषि यंत्र, पंपसेट, 150 पावर स्प्रेयर, भूमि संरक्षण विभाग द्वारा 10 पंप सेट, मत्स्य विभाग द्वारा मत्स्य संपदा योजना के तहत किसानों को लाभ दिया गया. जिला उद्यान विभाग की तरफ से गेंदा फूलों की खेती करने हेतु पौधा का वितरण किया गया. कृषि मंत्री ने अपने संबोधन में किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित केंद्र व राज्य प्रायोजित योजनाओं के लाभ हेतु किसानों को प्रेरित किया. कृषि मंत्री ने रबी मौसम में खेती करने को लेकर बीज वितरित किये. समय से पहले मक्का, सरसों, चना, मसूर, गेहूं के बीज प्राप्त कर किसान खुश हुए. कृषि मंत्री ने कहा कि किसान अपने साथ ले गए बीज को अपने खेत में अवश्य लगायें. बीज को किसी भी हाल में बर्बाद ना करें, इसे उपयोग में लाएं.
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